सिंघु बॉर्डर पर जारी किसानों के प्रदर्शन के बीच वहां पर शरजील इमाम, उमर खालिद समेत अन्य राजद्रोह केस में बंद आरोपियों का पोस्टर वायरल हो रहा है. केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने इस पोस्टर पर सवाल उठाते हुए पूछा है कि किसान आंदोलन में इस पोस्टर का आखिर क्या काम. कृषि मंत्री ने कहा कि किसानों की मांग एक्ट में प्रावधान की हो सकती है लेकिन ये पोस्टर आंदोलन में क्यों लगाया जा रहा है.


कृषि मंत्री बोले- किसान आंदोलन बिखेड़ने की कार्रवाई


कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने मीडिया से बात करते हुए कहा- किसान की मांग एक्ट में प्रावधान, MSP और APMC की हो सकती है. लेकिन, अगर ये पोस्टरबाजी हो रही है तो किसानों को इससे बचना चाहिए. उन्होंने कहा कि यह आंदोलन को बिखेड़ने की कार्रवाई है.


किसानों ने कहा- यह सरकार की साजिश


इधर, शर्जिल इमाम समेत अन्य देशद्रोह केस में जेल में बंद आरोपियों के पोस्टर सामने आने के बाद किसानों का यह कहना है कि इसमें जरूर सरकार की ही कोई ना कोई साजिश है. उन्होंने कहा कि इस पोस्टर के जरिए किसान आंदोलन को फेल करने की साजिश हो सकती है. इधर ऐसा इनपुट मिल रहा है कि किसान आंदोलन की आड़ में दंगा कराने की भी साजिश हो सकती है.


दरअसल, किसान आंदोलन के बीच मानवाधिकार दिवस के मौके पर गुरुवार को टिकरी बॉर्डर पर प्रदर्शन किया गया. इस प्रदर्शन के दौरान किसानों के मंच पर एक पोस्टर लगाया गया, जिसमें उमर खालिद, शरजील इमाम, गौतम नवलखा, सुधा भारद्वाज, वरवरा राव समेत अन्य लोगों की रिहाई की मांग की गई थी. गौरतलब है कि नए कृषि कानून के विरोध में पंजाब-हरियाणा समेत राष्ट्रीय राजधानी और उसके आसपास आए किसानों का शुक्रवार को 16वां दिन है. अब तक छह दौर की सरकार के साथ किसानों की बातचीत हुई है लेकिन अब तक कोई भी नतीजा नहीं निकल पाया है.


किसानों की मांग है कि सरकार तीन कृषि सुधार से संबंधित कानूनों को वापस ले जबकि सरकार ने अपनी रूख में नरमी दिखाते हुए इसमें सुधार को किसानों को भरोसा दिया है. लेकिन किसान अपनी जिद पर अड़े हुए हैं और उन्होंने धमकी दी है कि अगर किसान तीनों कानूनों को वापस लेने की मांग को नहीं मानती है तो वे आने वाले दिनों में अपने आंदोलन को और तेज करेंगे.


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