नई दिल्लीः दिन ब दिन सिरदर्द बनते जा रहे टिड्डियों के झुंड पर क़ाबू पाने के लिए सरकार ने अपने प्रयास तेज़ कर दिए हैं. सरकार अब इस काम के लिए हेलीकॉप्टर की सेवाएं लेने जा रही है. केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर कल ग्रेटर नोयडा से इस सेवा की शुरुआत करेंगे. कृषि मंत्रालय के मुताबिक़ शुरुआत में राजस्थान के सरहदी इलाकों के पांच जिलों से इसकी शुरुआत होगी. बाड़मेर, जैसलमेर, बीकानेर, जोधपुर और नागौर जिले इस मुहिम में शामिल हैं. इनमें ज्यादातर रेगिस्तानी इलाक़ा शामिल है. इस ऑपरेशन के लिए एक हेलीकॉप्टर कम्पनी को काम दिया गया है.


25-50 हेक्टेयर पर एक बार में छिड़काव


इस काम में फ़िलहाल एक बेल 206 B3 हेलीकॉप्टर को काम पर लगाया जाएगा. इस हेलीकॉप्टर की क्षमता एक बार में 250 लीटर कीटनाशक ढोने की है. इतने कीटनाशक से एक बार में 25 - 50 हेक्टेयर भूमि पर छिड़काव सम्भव है. हेलीकॉप्टर को बाड़मेर के उत्तरलाई स्थित एयर फोर्स स्टेशन पर खड़ा किया जाएगा जहां से इस ऑपरेशन को अंजाम दिया जाएगा.


ड्रोन का भी हो रहा इस्तेमाल


कृषि मंत्रालय के मुताबिक़ फ़िलहाल राजस्थान, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, गुजरात और पंजाब में टिड्डियों पर नियंत्रण के लिए सघन अभियान चलाया जा रहा है. काम में ट्रैक्टर और फायर ब्रिगेड की गाड़ियों के अलावा ड्रोन का भी इस्तेमाल किया जा रहा है. टिड्डियों के नियंत्रण के लिए ड्रोन का इस्तेमाल करने वाला भारत दुनिया में इकलौता देश है. अबतक 5 कम्पनियों के 12 ड्रोन इस काम में लगाए गए हैं जिनमें ज़्यादातर राजस्थान में है. फ़िलहाल ड्रोन का इस्तेमाल केवल ऊंचे पेड़ों या दुर्गम इलाकों पर ही कीटनाशकों के छिड़काव के लिए किया जा रहा है.


अबतक 9 राज्यों के 101 जिलों में पाया गया क़ाबू


मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक़ अबतक 9 राज्यों में टिड्डियों पर नियंत्रण का काम किया गया है. इन राज्यों के 101 जिलों के 2,33,487 हेक्टेयर खेती पर नियंत्रण पाया जा चुका है. इनमें सबसे ज़्यादा ज़िले राजस्थान से हैं जिनकी संख्या 31 है. इसके अलावा मध्यप्रदेश के भी 40 जिलों के प्रभावित इलाकों में टिड्डियों पर नियंत्रण पाया जा चुका है.


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