सितंबर महीने में मोदी सरकार की तरफ से लाए गए कृषि कानूनों पर जहां एक तरफ प्रदर्शनकारी किसान सरकार से अपनी मांगें मनवाने के लिए जिद पर अड़े हैं तो वहीं उनकी मान-मनौव्वल के भी काफी प्रयास भी किए जा रहे हैं ताकि वे प्रदर्शन का रास्ता छोड़कर बातचीत के लिए आए. वहीं, इस मुद्दे पर विपक्षी दलों की तरफ से केन्द्र सरकार पर हमला बोलकर राजनीतिक रोटियां भी खूब सेंकने का प्रयास किया जा रहा है.
इस बीच, नए कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली आकर प्रदर्शन कर रहे किसानों से शुक्रवार को केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने आंदोलन का रास्ता छोड़ने को कहा है. उन्होंने कहा कि सरकार किसानों के साथ मुद्दों पर हमेशा चर्चा के लिए तैयार है.
इससे पहले, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने भी किसानों से इसी तरह की अपील की. हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने दिल्ली पहुंचे किसानों से कहा कि वे आंदोलन का रास्ता छोड़ दें. नए कृषि संबंधी कानूनों पर प्रदर्शन कर रहे किसानों से सीएम खट्टर ने केन्द्र सरकार हमेशा उनसे बातचीत के लिए तैयार है. खट्टर ने अपील करते हुए कहा, मेरे सभी किसान भाइयों से अपील है कि वे अपनी सभी जायज मुद्दों के लिए सीधे केन्द्र से बातचीत करें. आंदोल इसका जरिया नहीं है. इसका हल बातचीत से ही निकलेगा.
इधर, कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के विरोध प्रदर्शन को लेकर राहुल गांधी ने केंद्र सरकार को निशाने पर लिया. उन्होंने कहा कि दुनिया की कोई सरकार सच्चाई की लड़ाई लड़ रहे किसानों को नहीं रोक सकती. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मोदी सरकार को किसानों की मांगें माननी ही होंगी और काले कानून को वापस लेने होगा.
राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए कहा, “PM को याद रखना चाहिए था जब-जब अहंकार सच्चाई से टकराता है, पराजित होता है. सच्चाई की लड़ाई लड़ रहे किसानों को दुनिया की कोई सरकार नहीं रोक सकती. मोदी सरकार को किसानों की मांगें माननी ही होंगी और काले क़ानून वापस लेने होंगे. ये तो बस शुरुआत है!.”
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