'देश को बनाएंगे फूड बास्केट', केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान का बड़ा एलान
Shivraj Singh Chouhan On Food Basket: केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को लोकसभा में किसान कल्याण की प्रतिबद्धता जताते हुए कहा कि भारत को विश्व का ‘‘फूड बास्केट’’ बनाया जाएगा.
Shivraj Singh Chouhan On Food Basket: लोकसभा में कृषि मंत्रालय से संबंधित अनुदान की मांगों पर चर्चा के दौरान केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि भारत को 'फूड बास्केट' बनाने की दिशा में तेजी से काम हो रहा है. उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि "जो लोग खेतों, पगडंडियों और मिट्टी से परिचित नहीं हैं, वे किसान हित की बात कर रहे हैं."
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, "मैंने कृषि मंत्रालय संभालने के बाद लाल किले की प्राचीर से हुए सारे भाषण सुने, दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि देश के पहले प्रधानमंत्री किसानों के प्रति कम संवेदनशील रहे. भाजपा-एनडीए की सरकार में किसानों-कृषि के लिए बजट में ऐतिहासिक बढ़ोतरी की गई. जबकि कांग्रेस/यूपीए सरकार के 10 साल के शासनकाल में 1,51,277 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था. वहीं, मोदी सरकार ने 10 लाख 756 करोड़ रुपये खर्च किये हैं."
पशुपालन और उर्वरक पर विशेष ध्यान
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि पशुपालन विभाग में मोदी सरकार ने यूपीए की तुलना में तीन गुना खर्च किया हैं. कृषि मंत्री ने उर्वरकों की कीमतों के मुद्दे पर कहा, ‘‘हम डीएपी की प्रत्येक बोरी 1,350 रुपये में ही देंगे, एक पैसा नहीं बढ़ाएंगे. 266 रुपया में यूरिया की बोरी मोदी सरकार दे रही है, इसलिए उर्वरक पर सब्सिडी लगातार बढ़ती गई. इसी को ध्यान में रखते हुए अब उत्पादन की लागत घटाने के लिए कदम उठाये गए हैं."
खाद्यान्न उत्पादन में ऐतिहासिक वृद्धि
कृषि मंत्री ने कहा कि एक जमाना था जब हम अमेरिका का पीएल 480 गेहूं खाने को मजबूर थे, लेकिन आज भारत में अनाज के गोदाम भरे हुए हैं. इसी के चलते देश के 80 करोड़ से ज्यादा लोगों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुफ्त गेहूं-चावल दे रहे हैं. उत्पादन लगातार बढ़ रहा है, यह पीएम मोदी की नीतियों का नतीजा हैं कि खाद्यान्न का उत्पादन अब बढ़कर 33 करोड़ टन हो गया है.
इस दौरान कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भारत को दुनिया का ‘फूड बास्केट’ बनाने की बात भी कही. उन्होंने कहा कि डिजिटल क्रांति का लाभ किसानों को पहुंचाने के लिए सभी किसानों को एक डिजिटल पहचान पत्र दिया जाएगा और इसके कई फायदे होंगे.
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