Budget 2022: संसद के सोमवार से शुरू हो रहे बजट सत्र के हंगामेदार रहने के आसार हैं. विपक्षी दलों ने पेगासस जासूसी मामले, पूर्वी लद्दाख में चीनी घुसपैठ, किसान और बेरोज़गारी समेत कई मुद्दों पर सरकार को घेरने की तैयारी की है. संसद के बजट सत्र की शुरूआत 31 जनवरी को हो रही है और उस दिन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करेंगे. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण उसी दिन वर्ष 2021-22 का आर्थिक सर्वेक्षण पेश करेंगी. वित्त मंत्री एक फरवरी को वित्त वर्ष 2022-23 का केंद्रीय बजट पेश करेंगी.


संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा, ‘‘सोमवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई गई है और विपक्षी दल की ओर से इसमें जो भी मुद्दे रखें जायेंगे, उस पर विचार करेंगे.’’


इन मुद्दों पर हो सकता है हंगामा


मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने बजट सत्र में कोरोना प्रभावित परिवारों के लिए राहत पैकेज, महंगाई, बेरोजगारी, किसानों से जुड़े मुद्दे, सीमा पर चीन के साथ गतिरोध और कुछ अन्य मुद्दों को लेकर सरकार को घेरने का फैसला किया है. पार्टी का कहना है कि सीमा पर चीन की बढ़ती आक्रामकता और उसके साथ चल रहे गतिरोध, महंगाई, बेरोजगारी, अर्थव्यवस्था की स्थिति, एयर इंडिया और दूसरी सरकारी कंपनियों के निजीकरण और किसानों से जुड़े मुद्दों पर सरकार से जवाब मांगा जाएगा.


संसद सत्र का कामकाज सुचारू रूप से चलाने के लिये राज्यसभा के सभापति एवं उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू और संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी सोमवार को राजनीतिक दलों के सदनों में नेताओं के साथ बैठक करेंगे. लोकसभा सचिवालय के बुलेटिन के अनुसार, कार्य मंत्रणा समिति की बैठक सोमवार 31 जनवरी को होगी.


ओम बिरला ने उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडु से मुलाकात 


लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने बजट सत्र की शुरुआत से पहले रविवार को उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडु से मुलाकात की. इसके बाद उन्होंने एक तस्वीर साझा करते हुए लिखा, "सोमवार से प्रारंभ हो रहे बजट सत्र से पूर्व आज माननीय उपराष्ट्रपति श्री एम वेंकैया नायडु जी से भेंट कर सत्र की तैयारियों की समीक्षा की. कोविड की चुनौती के बीच सभी माननीय सदस्यगण अपने संवैधानिक दायित्वों को निर्बाध रूप से निभा सकें, इसके लिए व्यापक इंतजाम किए गए हैं. हमारी अपेक्षा है कि सदन सुव्यवस्थित रूप से चले तथा देश से जुड़े प्रत्येक विषय पर विस्तार से चर्चा हो. सभी दलों के व्यापक सहयोग से हम देशहित में बजट सत्र को उत्पादक बना सकें.


 






कोविड के चलते हुआ ये फैसला


कोविड महामारी की तीसरी लहर को देखते हुए सत्र के पहले चरण के दौरान लोकसभा और राज्यसभा की बैठकें दिन में अलग-अलग समय पर आयोजित होंगी, ताकि कोविड से संबंधित सामाजिक दूरी के नियमों का पालन हो सके. बजट सत्र के पहले दो दिन शून्यकाल एवं प्रश्नकाल नहीं होंगे.


लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा बुधवार से शुरू होगी. ऐसी संभावना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सात फरवरी को चर्चा का जवाब देंगे. लोकसभा सचिवालय के अधिकारियों के अनुसार, राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के लिये चार दिन रखे गए हैं, जो दो फरवरी से शुरू होगी.


बजट सत्र का पहला चरण 31 जनवरी से 11 फरवरी तक 


संसद के बजट सत्र का पहला चरण 31 जनवरी से 11 फरवरी तक चलेगा. इसके बाद विभिन्न विभागों के बजटीय आवंटन पर विचार के लिये अवकाश रहेगा. बजट सत्र का दूसरा चरण 14 मार्च से आरंभ होगा, जो आठ अप्रैल तक चलेगा.


राष्ट्रपति का अभिभाषण 31 जनवरी को सुबह 11 बजे होगा. लोकसभा की बैठक एक फरवरी को सुबह 11 बजे से होगी और उस दिन आम बजट पेश किया जाएगा. दो फरवरी से लोकसभा की कार्यवाही शाम चार बजे से रात नौ बजे तक चलेगी. लोकसभा सचिवालय के बुलेटिन के अनुसार, कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर निचले सदन की बैठक के दौरान दोनों सदनों के कक्षों और दीर्घाओं का इस्तेमाल सदस्यों के बैठने के लिए किया जाएगा.


सत्र के दौरान होंगी 29 बैठकें


बजट सत्र के दौरान कुल 29 बैठकें होंगी, जिसमें पहले चरण में 10 बैठक और दूसरे चरण में 19 बैठकें होंगी. बजट सत्र का आयोजन ऐसे समय हो रहा है, जब पांच राज्यों- उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा, पंजाब व मणिपुर में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं.


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