आत्मनिर्भर भारत को गति मिलेगी...बेरोजगारी का जिक्र नहीं...बजट में सिर्फ कर्जा दिखा...abp बजट कॉन्क्लेव में क्या कुछ बोले दिग्गज?
Union Budget 2023: वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने मोदी सरकार के अंतिम पूर्ण बजट में सभी तबकों को साधने का प्रयास किया है. इस बजट को लेकर पक्ष और विपक्ष के नेताओं ने बजट कॉन्क्लेव में अपनी बात रखी.
Budget Conclave 2023: वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन (Nirmala Sitharaman) ने बुधवार (1 फरवरी) को बजट 2023 पेश किया. मोदी सरकार के इस कार्यकाल के आखिरी पूर्ण बजट में उन्होंने गरीब, आदिवासी, किसान, महिलाओं के लिए कई सौगातें दी हैं. एबीपी न्यूज़ ने हर बार की तरह इस बार भी बजट कॉन्क्लेव के जरिए बजट का विश्लेषण किया. इसमें सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेताओं ने बजट पर अपनी बात रखी. आपको बताते हैं बजट पर किसने क्या कहा.
बजट कॉन्क्लेव में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि रेलवे मंत्रालय को बजट में 2.40 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. उन्होंने इसका स्वागत करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद दिया. साथ ही उन्होंने कहा कि आज पूरी दुनिया भारत को एक उम्मीद के तौर से देख रही है क्योंकि उन्हें भारत से ही उम्मीदें हैं. उन्होंने कहा कि रेलवे स्टेशनों के विकास से लेकर नई तकनीकी की ट्रेनें जैसे वंदे भारत एक्सप्रेस, वंदे मेट्रो और हाइड्रोजन ट्रेन के लिए बजट का इस्तेमाल किया जाएगा. बुलेट ट्रेन का भी काम तेजी से चल रहा है और अगस्त 2026 तक बुलेट ट्रेन चलाई जाएगी.
आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को गति मिलेगी
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बजट की तारीफ करते हुए कहा कि इस बजट से आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को गति मिलेगी. सड़क परिवहन मंत्रालय को 2.70 लाख करोड़ बजट दिया गया है. हम 2024 के आखिर तक भारत का रोड इंफ्रास्ट्रक्चर अमेरिका जैसा बना देंगे. इंफ्रास्ट्रक्चर को बदलने के लिए पिछड़े इलाकों में ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है. हमारी प्राथमिकता इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट है. उन्होंने कहा कि हम जल्द ही दुनिया की सुपर इकोनॉमी बनेंगे.
शशि थरूर ने बजट की आलोचना की
कांग्रेस नेता शशि थरूर ने बजट की आलोचना की है. उन्होंने कहा कि देश में पढ़े-लिखे लोगों के लिए भी रोजगार के अवसर नहीं हैं. हमें लगा था कि चुनाव आने वाला है तो शायद सरकार आम आदमी, मिडिल क्लास को बहुत कुछ देगी, लेकिन ये सरकार तो आम आदमी को भूल गई है. इन्होंने इन्फ्रास्ट्रक्चर, हाईवे, पोर्ट्स, एयरपोर्ट्स वगैरह के लिए पैसे दिए हैं, ये अच्छी बात है, लेकिन ये पैसा कहां से काटकर दिया ये भी देखिए. मनरेगा का पैसा कम किया गया है.
"सरकार की निजी निवेश की योजना विफल"
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि सरकार ने 45 लाख करोड़ का बजट पेश किया है. इसमें से 17 लाख 85 हजार करोड़ अनफंडेड है जोकि वित्तीय घाटा है. अब सरकार कह रही है कि इस घाटे को पूरा करने के लिए हम मार्केट से 11 लाख करोड़ उठाएंगे. अब ऐसे में कंपिनयों को भी लोन देना है. दुनिया में चल रही मंदी के बीच ये कैसे हो पाएगा. इसका मतलब है कि सरकार ने 2019 में जो निजी निवेश की बात कही थी वो विफल हो गई. उन्होंने कहा कि सरकार कोरोना काल में निजी सेक्टर की मदद के लिए सामने नहीं आई और आज सरकारी पैसे से अर्थव्यवस्था चलानी पड़ रही है.
"मुझे इस बजट में कर्जा दिखा"
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली के साथ 22 साल से सौतेला व्यवहार किया जा रहा है. इस बार भी बजट में दिल्ली के साथ सौतेला व्यवहार किया गया. दिल्ली वालों ने पिछले साल 1.75 लाख करोड़ से ज्यादा इनकम टैक्स दिया और उसमें से मात्र 325 करोड़ रुपये दिल्ली के विकास के लिए दिए गए. दिल्ली देश की राजधानी है तो दिल्ली को पैसा मिलना चाहिए. हर राज्य के नगर निगम को पैसा दिया जाता है, लेकिन दिल्ली के नगर निगम को पैसा नहीं देते. उन्होंने कहा कि मुझे इस बजट में कर्जा दिखा, मनरेगा का पैसा कम होते दिखा, शिक्षा, हेल्थ का बजट कम होते दिखा. सिसोदिया ने ये भी पूछा कि क्या किसानों की आय दोगुना हो गई है?
सुशील मोदी क्या बोले?
बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने बजट की तारीफ करते हुए कहा कि आज गरीब आदमी भी हवाई जहाज से चल रहा है. इस बजट की सबसे बड़ी खासियत है कैपिटल एक्सपेंडिचर से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे. देश की ताकत मध्यम वर्ग है और उसे इनकम टैक्स में रियायत दी गई है. उन्होंने नीतीश कुमार पर चुटकी लेते हुए कहा कि वे जानते सब कुछ हैं, लेकिन अंजान बने रहते हैं.
वित्त मंत्री ने बेरोजगारी का जिक्र नहीं किया- गौरव वल्लभ
कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ (Gourav Vallabh) ने कहा कि दो टैक्स स्ट्रक्चर दिए हैं, ये मजाक है क्या? ये सरकार कंफ्यूज है कि देश के लिए कौन सी टैक्स प्रणाली सही है. वित्त मंत्री ने पूरे बजट भाषण बेरोजगारी शब्द का प्रयोग तक नहीं किया. उन्होंने आर्थिक असमानता के बारे में कुछ नहीं कहा, महंगाई को लेकर कुछ नहीं कहा. ये चाहते हैं कि कोई सेविंग ना कर पाए, बस खाए पिये और मौज करें. दुनिया में एक देश बता दो जहां पर दो तरह की पर्सनल इनकम टैक्स की प्रणाली चल रही हो. अमृत काल चल रहा और भुखमरी में रैंकिंग 107वीं है.
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