Chief Ministers On Budget-2023: वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन (Nirmala Sitharaman) ने बुधवार (1 फरवरी) को केंद्रीय बजट पेश किया है. इस बजट पर गैर-बीजेपी शासित राज्यों की सरकारों ने नाराजगी जताई है. दिल्ली (Delhi) और पंजाब (Punjab) के मुख्यमंत्री ने राज्यों की अनदेखी करने का आरोप लगाया है. बिहार (Bihar) के उपमुख्यमंत्री ने भी कहा है कि बजट में उनके राज्य को कुछ नहीं दिया गया. जबकि पश्चिम बंगाल की सीएम ने बजट को जनविरोधी करार दिया है. आपको बताते हैं किसने क्या कहा. 


आप के राष्ट्रीय संजोयक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बजट में दिल्ली वालों के साथ सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया है. अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर बजट को महंगाई बढ़ाने वाला बताया. सीएम केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली वालों के साथ फिर से सौतेला बर्ताव किया गया. दिल्ली वालों ने पिछले साल 1.75 लाख करोड़ से ज़्यादा इनकम टैक्स दिया. उसमें से मात्र 325 करोड़ रुपये दिल्ली के विकास के लिए दिये. ये तो दिल्ली वालों के साथ घोर अन्याय है.


अरविंद केजरीवाल ने क्या कहा?


अरविंद केजरीवाल ने आगे कहा कि इस बजट में महंगाई से कोई राहत नहीं, उल्टे इस बजट से महंगाई बढ़ेगी. बेरोजगारी दूर करने की कोई ठोस योजना नहीं है. अरविंद केजरीवाल ने शिक्षा और स्वास्थ्य बजट में कटौती पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि शिक्षा बजट घटाकर 2.64 % से 2.5 % करना दुर्भाग्यपूर्ण है. स्वास्थ्य बजट घटाकर 2.2 % से 1.98 % करना हानिकारक है. 


"पंजाब से कौन सा बदला लिया जा रहा है"


पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि इस बजट में पंजाब के लिए कुछ नहीं है. इस बजट में बस कागज में लिखी हुई कहानी है. किसानों के बारे में इस बजट में कुछ नहीं कहा गया है. पंजाब से कौन सा बदला लिया जा रहा है, मुझे नहीं पता है. नई फसल पर कोई एमएसपी नहीं दी गयी है. किसान को अपनी किस्मत पर छोड़ दिया गया है. नर्सिंग कॉलेज कब से खोला जाएगा, इस बजट में कोई प्रवाधान नहीं है. 


नीतीश कुमार ने बजट को निराशाजनक बताया


बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि बजट निराशाजनक है और इसमें दूरदृष्टि का अभाव है. हर वर्ष बजट की प्राथमिकताएं बदल जाती हैं, जो फोकस और निधि के अभाव में पूरी नहीं हो पा रही हैं. बिहार को इस बजट से निराशा हाथ लगी है और एक बार फिर विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की अनदेखी की गयी है. समावेशी विकास का सपना बिहार जैसे राज्यों को आगे बढ़ाये बिना संभव नहीं है. बजट से बिहार के आर्थिक विकास में कुछ लाभ मिलता प्रतीत नहीं हो रहा है.


बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि ये बजट निल बट्टा सन्नाटा है, बिहार के लिए कुछ नहीं है. केंद्र में बिहार के जितने सांसद हैं उन्हें शर्म से डूब जाना चाहिए. किसानों के लिए, रेलवे के लिए कुछ नहीं है. यूपीए की सरकार में बिहार को जितना दिया जाता था क्या इस सरकार ने दिया? इस बजट में बिहार को ठगा गया है. बीजेपी धर्म की राजनीति करती है. नाम बदलने के अलावा बीजेपी कुछ नहीं करती है. इतिहास बदलने का काम हो रहा है. 


राजस्थान से किया सौतेला व्यवहार- गहलोत


राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आम बजट को राजस्थान के लिए 'घोर निराशाजनक' करार देते हुए इसे राज्य की जनता के साथ सौतेला व्यवहार करार दिया. गहलोत ने कहा कि राज्य के साथ किये गये इस सौतेले व्यवहार का समय आने पर जनता माकूल जवाब देगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि महात्मा गांधी नरेगा जैसी योजनाओं का बजट प्रावधान कम करना साबित करता है कि यह बजट गरीब, भूमिहीन किसान, एवं आमजन विरोधी है. 


मुख्यमंत्री ने कहा कि समस्त देश विगत वर्षों से महंगाई से त्रस्त है, आम आदमी के प्रतिदिन काम में आने वाले आटा, दालों, तेल, साबुन आदि की कीमतों में काफी वृद्धि हुई जिससे आम आदमी का जीवन यापन दूभर हुआ. महंगाई को कम करने के संबंध में कोई नीतिगत बयान नहीं आने से आम आदमी का जीवन और भी मुश्किल होगा. 


केरल के मुख्यमंत्री हुए निराश


केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कहा कि केंद्रीय बजट 2023-24 देश में बढ़ती आर्थिक असमानताओं को हल करने का प्रयास नहीं करता है. विजयन ने कहा कि यह केवल कॉरपोरेट्स को मजबूत करता है. बजट में क्षेत्रीय रूप से संतुलित दृष्टिकोण नहीं अपनाया गया है. यह निराशाजनक था कि अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) या राज्य में रेल विकास परियोजनाओं के लिए केरल की लंबे समय से की जा रही मांग का बजट में कोई उल्लेख नहीं किया गया.


गरीब विरोधी बजट है- ममता


टीएमसी प्रमुख और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने बजट को जनविरोधी करार देते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने आज एक बजट बनाया है, खुद कह रहे हैं कि बहुत अच्छा बजट है, क्या बढ़िया है? बेकारी पर कुछ कहा? सब बेचकर तो नौकरी खत्म कर रहे हैं. 100 दिन के काम को कम कर दिया. हमारे पैसे कैसे रोक कर रख सकते हैं? ये संवैधानिक है. ये बजट (Union Budget 2023) भविष्यवादी नहीं है. पूरी तरह से अवसरवादी, जनविरोधी व गरीब विरोधी है. इसे 2024 के लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है. 


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