Manoj Jha Slams Saptarishi Model of Budget 2023: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने बुधवार (1 फरवरी) को केंद्रीय बजट 2023-24 संसद में पेश किया. एक तरफ भारत सरकार के मंत्री और नेता इसकी तारीफ करते हुए फूले नहीं समा रहे हैं तो वहीं विरोधी दलों के नेता बजट की खामिया गिना रहे हैं.


राज्यसभा सांसद और आरजेडी नेता मनोज कुमार झा ने भी Budget 2023 को लेकर सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने वित्तमंत्री निर्मला सीतारामन की ओर से पेश किए गए बजट के सप्तऋषि मॉडल पर जमकर प्रहार किया. आरजेडी नेता मनोज झा ने बेरोजगारों और आम जनता की बात करते हुए सरकार के समावेशी विकास वाले मुद्दे पर प्रश्नचिन्ह लगाया है. 


बजट को लेकर क्या कहा मनोज झा ने?
 
राज्यसभा सांसद मनोज कुमार झा ने कहा, ''ये आम बजट कैसे हुआ? ये तो खास लोगों का खास लोगों द्वारा खास तरह से बनाया गया बजट है.''


समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए मनोज झा ने कहा, ''आप (मोदी सरकार) लोगों के साथ पूछते थे बजट से पहले कि आपकी क्या उम्मीद है? मैं यकीन से कहता हूं, बीते आठ वर्षों में उम्मीद के नाम पर नाउम्मीदी हासिल हुई है. (वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन) एक सप्तऋषि  मॉडल बता रही थीं, सरकार को एक्रोनिम (शब्द का संक्षिप्त रूप) बनाने की आदत है. पहला है उसका इंक्लूसिव डेवलपमेंट (समावेशी विकास). अगर आप बजट के प्रावधानों को देख लें, ओवरऑल पॉलिसी फ्रेमवर्क और उसकी दिशा देख लें, आपको लगेगा कि इंक्लूसिव डेवलपमेंट की तो इनको समझ ही नहीं है.''


आरजेडी नेता ने आगे कहा, ''एक हमारे डायरेक्टिव प्रिंसिपल्स में आर्टिकल 39 है, मैंने कई बार बताया है वित्त मंत्री के समक्ष, जब भी बजट बनाएं तो वो आर्टिकल 39 को जरूर देखें लेकिन संविधान की ओर से आंखें मूंदकर के अगर स्तुति गान वाला बजट बनाते हैं आप, कुछ भी हासिल नहीं होता.'' 


रोजगार पर किया सवाल


राज्यसभा सांसद मनोज झा ने कहा, ''कोई एक धारा दिखा दीजिए कि इंक्लूसिव मॉडल हो. बेरोजगारों की संख्या कितनी है? कई करोड़ में है और आपके पास क्या मॉडल है? रोजगार के लिए तो आपने गोल-गोल बातें की हैं. कोई भी ठोस ब्लूप्रिंट नहीं है... तो फिर ये आम बजट कैसे हुआ?''


क्या है सप्तऋषि मॉडल जिस पर मनोज झा ने उठाया सवाल?


बता दें कि इस  बार के बजट में वित्त मंत्री सप्तऋषि मॉडल की अवधारणा लेकर आई हैं, जिसे उन्होंने बजट पेश करते हुए बताया. जिस तरह से सनातन धर्म में सप्तऋषि यानी सात ऋषियों (ऋषि कश्यप, ऋषि अत्रि, ऋषि भारद्वाज, ऋषि विश्वामित्र, ऋषि गौतम, ऋषि जमदग्नि, ऋषि वशिष्ठ) की अवधारणा है, उसी तर्ज पर मोदी सरकार ने सप्तऋषियों यानी सात बिंदुओं में अपना एक मॉडल पेश किया है. 


वो सात प्वाइंट कुछ इस प्रकार हैं-



  1. समावेशी विकास

  2. वंचितों को वरीयता

  3. बुनियादी ढांचे और निवेश

  4. क्षमता विस्तार

  5. हरित विकास

  6. युवा शक्ति

  7. वित्तीय क्षेत्र


इन सात बिंदुओं का मतलब है कि सरकार इन क्षेत्रों को ध्यान रखते हुए या प्राथमिकता में रखते हुए विकास कार्यों के लिए रणनीतियों बनाएगी और काम करेगी.


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