केंद्र में लगातार तीसरी बार भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेतृत्व वाले एनडीए की सरकार बनी और पीएम नरेंद्र मोदी फिर से प्रधानमंत्री की गद्दी पर विराजमान हो गए. इस गठबंधन में नीतीश कुमार का जनता दल (यूनाइटेड) और चंद्रबाबू नायडू की तेलुगु देशम पार्टी (TDP)  बड़े दल के तौर पर उभरे. मोदी 3.0 सरकार के पहले बजट में भी बिहार और आंध्र प्रदेश के लिए सरकार ने कई हजार करोड़ की सहायता राशि का ऐलान किया है.


निर्मला सीतारमण ने संसद में बजट पेश करते हुए बिहार के लिए 26 हजार करोड़ और आंध्र प्रदेश के लिए 15 हजार करोड़ रुपये की घोषणा की है. आंध्र प्रदेश के लिए घोषणा करते हुए वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि केंद्र की एनडीए सरकार पोलावरम सिंचाई परियोजना के वित्तपोषण और उसे जल्द पूरा करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है, जिसे आंध्र प्रदेश और उसके किसानों के लिए जीवन रेखा माना जाता है.


उन्होंने कहा, 'हमारी सरकार ने आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम में की गई प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिए ठोस प्रयास किए हैं. हम राज्य की राजधानी की जरूरत को समझ रहे हैं. हम बहुपक्षीय विकास एजेंसियों के माध्यम से विशेष वित्तीय सहायता की सुविधा प्रदान करेंगे. चालू वित्त वर्ष में 15,000 करोड़ रुपये की व्यवस्था की जाएगी और आगामी वर्षों में अतिरिक्त राशि दी जाएगी.'


वित्त मंत्री सीतारमण ने आगे कहा कि आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम के तहत औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से जल, बिजली, रेलवे और सड़क जैसे आवश्यक बुनियादी ढांचे के लिए धन उपलब्ध कराया जाएगा और अधिनियम में उल्लिखित रायलसीमा, प्रकाशम और उत्तरी तटीय आंध्र प्रदेश के पिछड़े क्षेत्रों के लिए अनुदान भी दिया जाएगा.


बिहार के लिए के लिए 60,000 करोड़ रुपये से अधिक के परिव्यय का प्रस्ताव किया गया. 26 हजार करोड़ रुपये का ऐलान विभिन्न सड़क परियोजनाओं के लिए किया गया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि केंद्र सरकार बहुपक्षीय विकास एजेंसियों की सहायता के माध्यम से बिहार को वित्तीय सहायता की व्यवस्था करेगी. उन्होंने कहा कि सरकार बिहार में एयरपोर्ट, मेडिकल कॉलेज और खेल संबंधी बुनियादी ढांचा भी स्थापित करेगी. केंद्र बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और आंध्र प्रदेश के सर्वांगीण विकास के लिए पूर्वोदय योजना भी लाएगा.


बिहार के लिए अन्य सौगातों में भागलपुर जिले के पीरपैंती में 2,400 मेगावाट का विद्युत संयंत्र स्थापित करना शामिल है, जिसपर 21,400 करोड़ रुपये की लागत आएगी. इसके अलावा, केंद्र बिहार की बाढ़ में भी मदद करेगा. बिहार नेपाल से निकलने वाली कई नदियों की बाढ़ से अक्सर पीड़ित रहता है. कोसी से संबंधित बाढ़ नियंत्रण और सिंचाई परियोजनाओं का सर्वेक्षण और जांच भी की जाएगी. सरकार बाढ़ से निपटने के लिए राज्य को 11,500 करोड़ रुपये उपलब्ध कराएगी. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2024-25 कहा कि राज्य में राजमार्गों के लिए 20,000 करोड़ रुपये आवंटित किए जाएंगे.


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