Union Budget 2024: मोदी सरकार 3.O का पहला बजट वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार (23 जुलाई) को पेश किया. बजट के साथ ही सबकी निगाहें इस पर टिकी थीं कि केंद्र सरकार का फोकस चुनावी राज्यों पर कितना रहेगा. हालांकि, बजट में चुनावी राज्यों को लेकर तो कोई खास ऐलान नहीं किया गया, लेकिन कुछ योजनाएं इन राज्यों के एक बड़े वर्ग को जरूर लाभान्वित कर सकती हैं.


इस साल के अंत में महाराष्ट्र (Maharashtra), झारखंड (Jharkhand) और हरियाणा (Haryana) में विधानसभा चुनाव (Assembly Elections 2024) होने हैं. लोकसभा चुनाव में विपक्षी दलों के INDIA गठबंधन के शानदार प्रदर्शन के बाद अब भाजपा नीत एनडीए (NDA) कोई भी मौका चूकने के मूड में नहीं दिख रहा. 


फ्री राशन योजना


वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार (23 जुलाई) को बताया कि फ्री राशन योजना को अगले पांच सालों तक भी जारी रखा जाएगा. अहम ये है कि फ्री राशन के करीब 35 लाख लाभार्थी महाराष्ट्र, झारखंड और हरियाणा से हैं. जहां महाराष्ट्र में 1.10 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन दिया जा रहा है तो वहीं झारखंड के करीब 34 लाख लोग इस योजना का लाभ उठा रहे हैं. बात अगर हरियाणा की करें तो यहां करीब 12 लाख लोग मुफ्त राशन योजना का लाभ ले रहे हैं. 


पूर्वोदय योजना का ऐलान


वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट पेश करते हुए पूर्वोदय योजना शुरू करने का ऐलान किया. वित्त मंत्री बोलीं कि इस योजना का लाभ पूर्वी भाग के राज्यों को मिलेगा. अहम ये है कि पूर्वोदय योजना के तहत बिहार, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और आंध्र प्रदेश के साथ ही झारखंड भी कवर हो रहा है. इस योजना के अंतर्गत नए संसाधन विकास के साथ ही इंफ्रास्ट्रक्चर और आर्थिक उन्नति के अवसरों के सृजन की बात कही गई है. 


प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान


केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान शुरू करने का भी ऐलान किया. इस अभियान का लक्ष्य जनजातीय समुदाय के लोगों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार के साथ ही जनजातीय परिवारों को सरकारी योजनाओं का संपूर्ण कवरेज देना है. झारखंड की कुल आबादी में तकरीबन 27 प्रतिशन भागीदारी जनजातियों की ही है. 


कृषि क्षेत्र में मिलेगा लाभ


केंद्रीय बजट में कृषि और इससे संबंधित क्षेत्रों के लिए एक लाख 52 हजार करोड़ रुपये का बजट आवंटित हुआ है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस कृषि क्षेत्र को मजबूत बनाने का ऐलान करने के साथ ही ये भी कहा कि छह करोड़ किसानों और उनकी जमीन के ब्योरे रजिस्ट्री में दर्ज होंगे और एक राष्ट्रीय सहकारी नीति भी लाई जाएगी. ग्रामीण अर्थव्यवस्था के विकास को भी गति देने की बात कही गई. अहम ये है कि हरियाणा, झारखंड और महाराष्ट्र में बड़ी आबादी कृषि क्षेत्रों से जुड़ी हुई है और केंद्र का ये कदम एक बड़ी आबादी के लिए फायदे का सौदा साबित हो सकता है. 


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