Union Budget 2024: 18वीं लोकसभा के गठन के बाद सभी की निगाह मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले बजट पर टिकी हुई है. संसद का बजट सत्र 22 जुलाई से 12 अगस्त तक चलेगा. इस दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 2024-25 का केंद्रीय बजट पेश करेंगी. 


इसी कड़ी में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की एक शाखा, स्वदेशी जागरण मंच (एसजेएम) ने केंद्रीय वित्त मंत्रालय से छोटे किसानों के लिए सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली के लिए सब्सिडी की पेशकश करने का आग्रह किया है.  इसके अलावा उन्होंने बढ़ती हुई मंहगाई को लेकर भी चिंता जाहिर की है. 


एसजेएम ने दिए ये बड़े सुझाव 


जानकारी के अनुसार, ये सुझाव पिछले महीने सरकारी अधिकारियों के साथ बजट-पूर्व बैठक के दौरान दिए गए थे. एसजेएम ने भविष्य की आवश्यकताओं के बहाने अनावश्यक भूमि स्वामित्व को हतोत्साहित करने के लिए खाली भूमि पर संपत्ति कर लगाने का भी सुझाव दिया है. यह सुझाव सभी को आवास मुहैया कराने के मकसद से किया गया है.  एसजेएम ने किफायती आवास में श्रमिकों और छात्रों के लिए छात्रावास शामिल किए जाने का भी सुझाव दिया है. 


महंगाई को लेकर कही ये बात 


एसजेएम ने मुद्रास्फीति को लेकर अपनी चिंता जाहिर की है और सरकार से मूल्य वृद्धि को नियंत्रित करने के लिए कदम उठाने का आग्रह किया है. एसजेएम ने सुझाव दिया कि गोदामों और कोल्ड चेन जैसे ग्रामीण बुनियादी ढांचे के निर्माण में सरकारी व्यय काफी हद तक बढ़ाया जा सकता है. 


एसजेएम के राष्ट्रीय सह-संयोजक अश्विनी महाजन ने कहा कि मुनाफाखोरी पर अंकुश लगाकर मुद्रास्फीति को नियंत्रित किया जा सकता है.  उन्होंने कहा, 'सरकार को ई-मार्केट, विपणन योग्य भंडारण रसीदों के साथ आधुनिक भंडारण और आधुनिक तकनीक का उपयोग करके किसानों को लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करने के लिए नए तरीके खोजने की जरूरत है. '


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