Budget 2025: निर्मला सीतारमण के बजट से पहले पूर्व रेलमंत्री मायूस, वित्तमंत्री को दी बड़ी सलाह
Budget 2025: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण शनिवार (1 फरवरी) को आम बजट पेश करेंगी. पूर्व रेल मंत्री पवन बंसल का कहना है कि महंगाई और बेरोजगारी के बीच इस बजट से कोई उम्मीद नहीं है.

Union Budget 2025: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण शनिवार (1 फरवरी) को आम बजट पेश करने वाली हैं. इस बजट को लेकर हर वर्ग के लोग अपनी अपेक्षाएं और चिंताएं व्यक्त कर रहे हैं. इस संदर्भ में पूर्व रेल मंत्री पवन बंसल ने कहा कि उन्हें इस बजट से कोई खास उम्मीद नहीं है. उन्होंने कहा कि पिछले 11 सालों में मोदी सरकार के कार्यकाल में जो आर्थिक हालात रहे हैं उसे देखते हुए इस बजट से आम जनता की स्थिति में कोई सुधार नहीं होने वाला है. पवन बंसल ने कहा कि महंगाई, बेरोजगारी और आमदनी में कमी जैसे मुद्दों पर सरकार ने कभी ध्यान नहीं दिया.
पवन बंसल ने विशेष रूप से बेरोजगारी और महंगाई की बढ़ती समस्या पर चिंता जताई. आंकड़ों के अनुसार भारत में बेरोजगारी दर 45 प्रतिशत से ऊपर पहुंच गई है खासकर युवाओं में ये स्थिति बेहद गंभीर है. शिक्षित युवाओं के लिए यह दर 21-22 प्रतिशत तक जा चुकी है जो बहुत ही चिंताजनक है. इसके अलावा महंगाई की वजह से आम जनता की मुश्किलें और भी बढ़ गई हैं. पवन ने कहा जबकि हर वस्तु की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है वहीं लोगों की आमदनी कम हो गई है जिससे उनकी लाइफस्टाइल पर नेगेटिव इफेक्ट पड़ रहा है. उन्होंने इस बात का भी जिक्र किया कि सरकार के फैसले और जीएसटी के दायरे में किए गए बदलावों ने जनता पर और भी बोझ बढ़ाया है.
पवन ने सरकार की रोजगार सृजन नीतियों पर उठाए सवाल
पवन ने सरकार की नीतियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि रोजगार सृजन के दावे के बावजूद वर्तमान समय में रोजगार की स्थिति और भी खराब हो गई है. उन्होंने यूपीए सरकार के दौरान रोजगार सृजन की स्थिति की तुलना करते हुए कहा कि उस समय रोजगार के अवसर ज्यादा थे. उन्होंने बताया कि आबादी और वर्कफोर्स बढ़ने के बावजूद रोजगार के अवसर कम हो गए हैं.
इसके अलावा जीडीपी की बढ़ोतरी दर 8 प्रतिशत से घटकर 6 प्रतिशत पर आ गई है जो कि एक गंभीर स्थिति है. उनका मानना है कि इस दर को 8 प्रतिशत तक पहुंचाना बेहद जरूरी है ताकि देश में ज्यादा से ज्यादा रोजगार सृजित हो सकें. इसके अलावा उन्होंने कहा कि तकनीक और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के बढ़ते प्रभाव से भी रोजगार के अवसर घट रहे हैं खासकर मैन्युफैक्चरिंग और उद्योगों के क्षेत्र में.
आम जनता के लिए नीतियां बनाने की पवन बंसल की अपील
उन्होंने अंत में सरकार को सलाह दी कि उसे ऐसी नीतियों की जरूरत है जो सेविंग्स, इन्वेस्टमेंट और कंजम्पशन को बढ़ावा दें ताकि आम आदमी की आर्थिक स्थिति मजबूत हो सके. उन्होंने ये भी कहा कि वर्तमान सरकार की नीतियां केवल बड़े उद्योगपतियों को लाभ पहुंचा रही हैं जबकि आम जनता की परेशानियों को नजरअंदाज किया जा रहा है.
पवन बंसल ने ये उदाहरण देते हुए कहा कि कोविड-19 के दौरान जब सभी कारोबार नुकसान में थे तब भी कुछ बड़े कारोबारी फायदे में थे. इसे उन्होंने "क्रोनी कैपिटलिज्म" का उदाहरण बताया. उनका मानना है कि सरकार को आम जनता के लिए नीतियां बनानी चाहिए न कि केवल टैक्स बढ़ाने के बारे में सोचना चाहिए.
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
