नई दिल्ली: वित्त मंत्री अरुण जेटली ने वित्त वर्ष 2017-18 के बजट में बुनियादी ढांचा क्षेत्र के लिए रिकॉर्ड 3.96 लाख करोड़ रुपये के आवंटन की घोषणा की. उन्होंने अपने बजट भाषण में कहा कि इस तरह के निवेश से आर्थिक गतिविधियां बढ़ेंगी और रोजगार के अधिक अवसर पैदा किए जा सकेंगे.

जेटली ने कहा, ‘‘बुनियादी ढांचा क्षेत्र के लिए 2017-18 में कुल आवंटन 3,96,135 करोड़ रुपये का होगा.’’ उन्होंने कहा कि इतने भारी निवेश से बड़े पैमाने पर आर्थिक गतिविधियों को प्रोत्साहन दिया जा सकेगा और रोजगार के अधिक अवसर पैदा किए जा सकेंगे.”

उन्होंने कहा, “पूरे परिवहन क्षेत्र, रेलवे, सड़क, जहाजरानी के लिए मैं 2,41,387 करोड़ रुपये के प्रावधान का प्रस्ताव करता हूं.’’ वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘मुझे आजाद भारत का पहला संयुक्त बजट पेश करते हुए गर्व हो रहा है. इसमें रेलवे भी शामिल है. अब हम रेलवे, सड़क, जलमार्ग तथा नागर विमानन क्षेत्र में निवेश में तालमेल बैठाने की स्थिति में होंगे.

वित्त मंत्री ने बताया, “2017-18 में रेलवे के लिए कुल पूंजी और विकास व्यय 1,31,000 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है. इसमें सरकार द्वारा बजट से उपलब्ध कराई गई 55,000 करोड़ रुपये की राशि भी शामिल है.’’ उन्होंने कहा कि राजमार्ग क्षेत्र के लिए आवंटन 2017-18 में बढ़ाकर 64,000 करोड़ रुपये किया जा रहा है. इससे पिछले वित्त वर्ष में यह राशि 57,676 करोड़ रुपये थी.

जेटली ने कहा कि सड़क क्षेत्र के लिए मैंने बजट आवंटन 2016-17 के 57,676 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 2017-18 में 64,000 करोड़ रुपये किया है. वित्त मंत्री ने कहा कि निर्माण एवं विकास के लिए 2,000 किलोमीटर की तटीय संपर्क सड़कों की पहचान की गई है.

जेटली ने कहा कि 2014-15 से मौजूदा साल तक प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना सहित अन्य कुल 1,40,000 किलोमीटर सड़कों का निर्माण किया गया है, जो इससे पिछले तीन सालों से अधिक है. सौर उर्जा क्षेत्र के बारे में वित्त मंत्री ने कहा कि 20,000 मेगावाट सौर उर्जा उत्पादन के लक्ष्य के साथ सौर बिजली विकास के दूसरे चरण को आगे बढ़ाया जाएगा.

उन्होंनें कहा कि दूसरी श्रेणी के शहरों में चुनिंदा हवाई अड्डों को परिचालन और विकास के लिए लिया जाएगा. इनका विकास सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) माडल पर किया जाएगा. वित्त मंत्री ने कहा कि नई मेट्रो रेल योजना में वित्तपोषण के नए तरीके होंगे.