केंद्रीय कैबिनेट ने मंगलवार को दिल्ली में तीन नगर निगमों के एकीकरण के लिए संसद में एक विधेयक पेश करने को अपनी मंजूरी दे दी है. सूत्रों के मुताबिक केंद्र सरकार चल रहे बजट सत्र 2022 के दौरान संसद में बिल पेश कर सकती है. अप्रैल में होने वाले निकाय चुनावों की तारीखों की घोषणा करने के लिए राज्य चुनाव आयोग (एसईसी) की एक प्रेस कॉन्फ्रेंस से ठीक पहले केंद्र ने 9 मार्च को राज्य चुनाव आयुक्त एसके श्रीवास्तव को एक संवाद भेजा था कि वह “तीनों नगर गिनम के एकीकरण” पर विचार कर रहा है.“


दिल्ली में तीनों नगर निगमों का एक बार फिर एकीकरण करने के कैबिनेट के फैसले पर आम आदमी पार्टी ने प्रतिक्रिया दी है. आप ने कहा है कि 3 एमसीडी का एकीकरण बहुत पहले किया जा सकता था और कभी भी किया जा सकता था. यह एमसीडी के लंबित चुनावों में देरी करने की एक चाल है. बीजेपी को दिल्ली में एमसीडी चुनाव हारने का डर है. सौरभ भारद्वाज के मुताबिक BJP ने दिल्ली में हार के डर से 2014 में भी विधानसभा चुनाव एक साल तक टाले, अंत में सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में चुनाव करवाये. नतीजा ये हुआ कि दिल्ली वालों ने आम आदमी पार्टी को 70 में से 67 सीटें दी. अब भी कितना भी देरी कर लें, बहाने बना लें, दिल्ली नगर निगम में BJP की हार निश्चित है.


यदि विधेयक को संसद में मंजूरी मिल जाती है तो यह अप्रैल में होने वाले निकाय चुनावों से पहले तीन एमसीडी पूर्व, उत्तर और दक्षिण को एक कर देगा. इससे BJP को मदद मिल सकती है. बीजेपी पिछले 15 सालों से तीनों एमसीडी पर काबिज है. वहीं आम आदमी पार्टी नगर निकायों में सत्ता पाने की कोशिश कर रही है. गृह मंत्रालय ने हाल ही में 3 एमसीडी को एकजुट करने के लिए एक प्रेस विज्ञप्ति में कारणों का हवाला दिया था. मंत्रालय ने कहा था कि वेतन का भुगतान न करने और संपत्ति और देनदारियों के असमान वितरण के कारण कर्मचारियों द्वारा बार-बार हड़ताल करने से नगर निगमों की आय और व्यय का असंतुलन होता है. इसलिए दिल्ली में इन संस्थाओं का एकीकरण जरूरी है.


एमसीडी के चुनाव जल्द होने वाले हैं, इसलिए यह विवेकपूर्ण होगा कि राज्य चुनाव आयोग को अवगत कराया जाए कि केंद्र सरकार, संविधान के अनुच्छेद 239 ए में निहित प्रावधानों और संविधान में जुड़े अन्य प्रावधानों के मुताबिक दिल्ली के एनसीटी में मौजूद तीन नगर निगमों के एकीकरण का विचार कर रहा है. दिल्ली नगर निगम (MCD) को अप्रैल 2012 में शीला दीक्षित सरकार द्वारा तीन भागों में विभाजित किया गया था. दिल्ली नगर अधिनियम 1957 को 2012 में संसद द्वारा एकीकृत एमसीडी को तीन भागों में विभाजित करने के लिए संशोधित किया था.


तीन एमसीडी को मर्ज करने की बीजेपी की मांग नई नहीं है और 2014 और 2017 में इसे उठाया गया था, जब पूर्व केंद्रीय मंत्री विजय गोयल ने एकीकरण के पक्ष में कहा था कि इससे बेहतर कामकाज होगा. तीन नगर निगम, दक्षिणी दिल्ली नगर निगम (एसडीएमसी), उत्तरी दिल्ली नगर निगम (उत्तरी डीएमसी), और पूर्वी दिल्ली नगर निगम (ईडीएमसी) बनाए गए. 


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