Cabinet Meeting: केंद्रीय कैबिनेट की आज सुबह 11 बजे अहम बैठक, मंत्रिमंडल विस्तार पर हो सकती है चर्चा
2019 में दोबारा एनडीए सरकार बनने के बाद से मंत्रिमंडल विस्तार नहीं किया गया है. शिवसेना और शिरोमणि अकाली दल के एनडीए से बाहर जाने और एलजेपी कोटे से रामविलास पासवान के निधन के कारण कैबिनेट में जगह खाली है.
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आज केंद्रीय कैबिनेट की बैठक होनी है. ये बैठक सुबह 11 बजे शुरू होगी. ये बैठक केंद्रीय मंत्रिमंडल के विस्तार की चर्चाओं के बीच आयोजित की जा रही है. इस वजह से ये बैठक काफी अहम मानी जा रही है और सभी की निगाहें इस पर टिकी हुई हैं. सूत्रों की मानें तो इसी महीने के अंत तक मंत्रिमंडल का विस्तार हो सकता है.
2019 में दोबारा एनडीए सरकार बनने के बाद से मंत्रिमंडल विस्तार नहीं किया गया है. शिवसेना और शिरोमणि अकाली दल के एनडीए से बाहर जाने और एलजेपी कोटे से रामविलास पासवान के निधन के कारण कैबिनेट में जगह खाली है. इस वजह से मंत्रिमंडल विस्तार की मांग उठ रही है.
हाल के दिनों में मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर सरकार और नेताओं के बीच कई दिनों तक लंबी बैठकें हुई. जिसमें मौजूदा मंत्रियों के कामकाज की समीक्षा की गई. जबकि नए चेहरों के चयन पर भी विचार किया गया. सूत्रों की मानें तो मंत्रिमंडल में दो बातों का विशेष ख्याल रखा जा रहा है. पहला 2022 में उत्तर प्रदेश समेत 6 राज्यों में होने वाला विधानसभा चुनाव. दूसरा एनडीए के कुनबे को बढ़ाने पर जोर. माना जा रहा है उत्तर प्रदेश से 3, उत्तराखंड से 1, गुजरात से 1, गोवा से 1, हिमाचल प्रदेश से 1 और पंजाब से 1 नए चेहरे को केंद्रीय मंत्रिमंडल में मौका मिल सकता है. जबकि क्षेत्रीय दलों को भी इस बार साधने की तैयारी है.
मोदी कैबिनेट में मिल सकता है JDU को मौका
एनडीए का प्रमुख सहयोगी दल होने के बावजूद केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में जेडीयू की भागीदारी नहीं हैं. माना जा रहा है कि संभावित कैबिनेट विस्तार में जेडीयू के दो नेताओं को मौका मिल सकता है. इस बीच मंगलवार से दो दिवसीय दौरे पर नीतीश कुमार के दिल्ली पहंचने पर सियासी सरगर्मी बढ़ गई. हालांकि
बता दें कि मई 2019 में एनडीए की दोबारा सरकार बनने पर बीजेपी ने जेडीयू से सिर्फ एक केंद्रीय मंत्री बनाने का प्रस्ताव दिया था, जिसे पार्टी ने ठुकरा दिया था. नीतीश कुमार की पार्टी का कहना था कि बिहार में जेडीयू सांसदों की संख्या को देखते हुए कम से कम दो केंद्रीय मंत्री का पद मिलना चाहिए.
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