Arjun Ram Meghwal Remarks: लोकसभा चुनाव 2024 से करीब साल भर पहले गुरुवार (18 मई) केंद्रीय मंत्रिपरिषद में चौंकाने वाला बदलाव देखने को मिला. संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल को विधि और न्याय (स्वतंत्र प्रभार) मंत्री बना दिया गया.
वहीं, किरेन रिजिजू को विधि और न्याय मंत्री के पद से हटाकर पृथ्वी विज्ञान मंत्री बनाया गया. इसके अलावा, कानून मंत्रालय में अब तक राज्य मंत्री के रूप में काम करते आ रहे सत्यपाल सिंह बघेल को यहां से हटाकर स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री बनाया गया है.
'विश्वास पर खरा उतरने का पूरा प्रयास करूंगा'
अर्जुन मेघवाल राजस्थान की बीकानेर लोकसभा सीट से सांसद हैं. कानून मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बनाए जाने के बाद मेघवाल ने गुरुवार (18 मई) को ही कार्यालय संभाल लिया. नई जिम्मेदारी के बारे में मंत्री मेघवाल ने एबीपी न्यूज से कहा, ''कोई भी नया पद होता है, थोड़ा चुनौतीपूर्ण तो होता ही है. मैं इस अवसर पर प्रधानमंत्री जी का आभार प्रकट करता हूं कि उन्होंने मुझे यह जिम्मेदारी दी है. मैं उनके विश्वास पर खरा उतरने का पूरा प्रयास करूंगा.''
कानून मंत्रालय की जिम्मेदारी संभालने पर मेघवाल ने कहा कि उनकी शीर्ष प्राथमिकता सभी लोगों को त्वरित न्याय दिलाना होगी. इसी के साथ उन्होंने कहा कि सरकार और न्यायपालिका के बीच कोई टकराव नहीं है. दिल्ली में मीडिया से बात करते हुए मेघवाल ने कहा, ''कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच मधुर संबंध हैं और ये सौहार्दपूर्ण और संवैधानिक बने रहेंगे.''
अर्जुन मेघवाल का राजनीतिक करियर
मेघवाल के राजनीतिक जीवन की विधिवत शुरुआत 2009 में हुई. 2009 में भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेकर बीजेपी के टिकट पर मेघवाल ने बीकानेर लोकसभा से पहला चुनाव जीता और उसके बाद उन्हें पीछे मुड़कर देखने की जरूरत नहीं हुई.
वह 2014 के लोकसभा चुनाव में दूसरी बार सांसद निर्वाचित हुए. केंद्र सरकार में वित्त और कंपनी मामलों के राज्य मंत्री, संसदीय कार्य मंत्री, जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण राज्य मंत्री रह चुके मेघवाल 2019 के लोकसभा चुनाव में बीकानेर से लगातार तीसरी बार सांसद चुने गए.
अक्सर साइकिल से आते हैं संंसद भवन
केंद्र सरकार की ओर से मेघवाल को कार मिली हुई है, लेकिन वह अक्सर साइकिल से संसद भवन आते हैं. वो बागड़ी बोली के गीतों का शौक रखते हैं. वह अपनी पारंपरिक वेशभूषा धोती कुर्ते और राजस्थानी पगड़ी के साथ एक अलग ही पहचान रखते हैं.
मेघवाल पीएम मोदी के विश्वस्त नेताओं में शुमार किए जाते हैं और बहुत कम लोगों को मालूम है कि इस शीर्ष पद तक पहुंचने से कई दशक पहले उन्होंने अपने करियर की शुरुआत बीकानेर में एक टेलीफोन ऑपरेटर के तौर पर की थी.
अर्जुन राम मेघवाल का बैकग्राउंड
बीकानेर के पास किशमीदेसर गांव में एक साधारण दलित परिवार में पैदा हुए मेघवाल के पिता पेशे से बुनकर रहे हैं. मेघवाल की महज 13 साल की उम्र में पाना देवी से शादी हो गई, लेकिन अपने बुनकर पिता के साथ काम में हाथ बंटाते हुए उन्होंने एलएलबी और एमबीए की डिग्री हासिल की.
पढ़ाई पूरी करने के बाद मेघवाल ने प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी शुरू की. उन्हें भारत डाक और तार विभाग में टेलीफोन ऑपरेटर का पद मिला. राजनीति में अनौपचारिक रूप से उन्होंने तब कदम रखा जब उन्होंने टेलीफोन ट्रैफिक एसोसिएशन का चुनाव लड़ा और महासचिव चुने गए.
टेलीफोन ऑपरेटर के रूप में काम करते हुए मेघवाल ने दूसरे प्रयास में राजस्थान राज्य प्रशासनिक सेवा की परीक्षा पास कर ली. नौकरशाहों की शीर्ष टोली में इन्हें ये जगह तब मिली जब उन्हें भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी के रूप में पदोन्नति मिली और वह राजस्थान में चुरू के जिलाधिकारी बने.
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