ओमिक्रोन के भारत में अब तक 21 मामले सामने आ चुके हैं. सरकार भी स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए है. इस बीच सोमवार को नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दिल्ली एयरपोर्ट पर भीड़ के अव्यवस्थित होने को लेकर एक हाई लेवल बैठक बुलाई. इस बैठक में दिल्ली एयरपोर्ट के अधिकारी, एयरपोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया, इमिग्रेशन डिपार्टमेंट और कोविड-19 टेस्टिंग लैब कंपनी के सदस्य शामिल थे.


दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर रविवार को लंबी कतारें दिखीं. बिना किसी सोशल डिस्टेंसिंग के लोग आरटी-पीसीआर टेस्ट कराने के लिए अपनी बारी का इंतजार करते नजर आए. केंद्र सरकार की पिछले हफ्ते जारी नई ट्रैवल गाइडलाइंस में कहा गया कि जो पैसेंजर्स 'एट रिस्क' वाले देशों से आ रहे हैं, उन्हें आरटीपीसीआर टेस्ट कराना अनिवार्य है. जबकि दो प्रतिशत यात्री, जो अन्य देशों से आ रहे हैं, उनका रैंडम आधार पर टेस्ट किया जाएगा. 


गाइडलाइंस के मुताबिक कनेक्टिंग फ्लाइट लेने से पहले या एयरपोर्ट से बाहर जाने से पहले पैसेंजर्स को रिजल्ट का इंतजार करना होगा. इन नियमों को इसलिए लागू किया गया ताकि बेहद संक्रमित ओमिक्रोन वैरिएंट से यात्रियों को बचाया जा सके. लेकिन सोशल मीडिया पर जो एयरपोर्ट के अंदर की तस्वीरें वायरल हुईं, उसमें साफ पता चल रहा है कि लोग चाहकर भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं कर पा रहे हैं. कोविड टेस्ट के नतीजे पाने के लिए यात्री घंटों एयरपोर्ट पर इंतजार करते रहे. 



बता दें कि दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनैशनल एयरपोर्ट पर रैपिड-पीसीआर टेस्ट की कीमत में 400 रुपये की कमी की गई है. अब एयरपोर्ट पर 3,500 रुपये में रैपिड-पीसीआर टेस्ट हो रहा है, जिसके लिए पहले 3,900 रुपये लगते थे. आपको बता दें कि अगस्त 2021 में दिल्ली हवाई अड्डे पर 4,500 रुपये से रैपिड-पीसीआर टेस्ट शुरू हुआ था. इस टेस्ट की खास बात ये है कि इसका रिजल्ट आने में 90 मिनट का समय लगता है. वहीं आरटी-पीसीआर टेस्ट का परिणाम आने में कम से कम 6 घंटे का समय लगता है और इसका चार्ज 500 रुपये है.


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