नई दिल्ली : केंद्रीय मंत्री अनिल माधव दवे का निधन हो गया है. गुरुवार को दिल्ली में उन्होंने अंतिम सांस ली है. हृदय गति रुकने से उनकी मौत हुई. पिछले कुछ समय वे बीमार चल रहे थे. मोदी सरकार में वन एंव पर्यावरण राज्यमंत्री थे. दवे, उज्जैन के रहने वाले थे.


कल 10 बजे बांद्राभान में नदी महोत्सव के स्थान पर अंतिम संस्कार होगा


अनिल माधव दवे के अंतिम संस्कार के स्थान में संसोधन हुआ है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा अभी अनिल माधव दवे की वसीयत मिली है, जिसमें लिखा है कि उनका अंतिम संस्कार नर्मदा किनारे बांद्राभान में किया जाए. इसलिए कल 10 बजे बांद्राभान में नदी महोत्सव के स्थान पर अंतिम संस्कार होगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अन्तिम संस्कार में हिस्सा लेंगे.




अनिल माधव की जगह डॉ हर्षवर्धन को मिला प्रभार

केंद्रीय विज्ञान मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन को अनिल माधव दवे की जगह मोदी सरकार में वन एंव पर्यावरण राज्यमंत्री बनाया गया है. केंद्र में मंत्री बनने से पहले दिल्ली में बीजेपी सरकार के दौरान हर्षवर्धन स्वास्थ्य मन्त्री, कानून मन्त्री और शिक्षा मन्त्री सहित राज्य मन्त्रिमण्डल में विभिन्न पदों पर अपनी सेवा दे चुके हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके निधन पर दुख जताया है

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके निधन पर दुख जताया है. बीजेपी नेता प्रभात झा ने कहा कि यह काफी दुखद है. दवे आरएसएस से भी जुड़े हुए थे. 61 साल की उम्र में उन्होंने अंतिम सांस ली है. झा का कहना था कि इस खबर पर तो यकीन करना ही मुश्किल है. बीजेपी के वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि वे व्यक्तिगत स्तर पर काफी दुखी हैं.



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उनका जाना मेरे लिए व्यक्तिगत क्षति है : प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री ने कहा कि 'बीती रात मैं उनके साथ ही था. कुछ नीतिगत मुद्दों पर उनसे चर्चा भी हुई. उनका जाना मेरे लिए व्यक्तिगत क्षति है.' साथ ही पीएम नरेंद्र मोदी ने लिखा कि 'अनिल माधव जी को जन सेवक के तौरपर सदा याद किया जाएगा. पर्यावरण संरक्षण को लेकर उनका उत्साह गजब का था.' 




वे सांसद थे और एक पायलेट भी रह चुके थे

गौरतलब है कि 61 साल के दवे न सिर्फ पर्यावरणविद् थे बल्कि इसके संरक्षण के लिए अलग-अलग अभियानों का नेतृत्व भी कर चुके हैं. वे सांसद थे और एक पायलेट भी रह चुके थे. 6 जुलाई, 1956 को उनका जन्म उज्जैन के एक गांव में हुआ था. उन्होंने अपनी प्राथमिक शिक्षा गुजरात में ली थी. वे संघ के प्रचारक भी थे.