नई दिल्ली: दिल्ली में प्रदूषण के मुद्दे पर केंद्र और दिल्ली सरकार आमने-सामने है. इस बड़ी समस्या पर संसद में बहस भी होने वाली है. इससे पहले केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने एबीपी न्यूज़ से खास बातचीत में कहा कि प्रदूषण दुनियाभर के लिए एक बड़ी समस्या है और ज्यादातर शहरों में कम-ज्यादा प्रमाण में है. लोग इस समस्या का सामना कर रहे हैं. जावड़ेकर इन दिनों इलेक्ट्रिक कार का इस्तेमाल कर रहे हैं.


उन्होंने कहा कि प्रदूषण चार कारणों से होता है एक वाहन या यातायात की वजह से, दूसरा उद्योग की वजह से, तीसरा धूल की वजह से और चौथा कचरे के जलाने या पराली जलाने की वजह से. लेकिन दिल्ली में एक भौगोलिक फैक्टर भी है जिसकी वजह से प्रदूषण अधिक फैलता है. दिल्ली की रचना कटोरे जैसी है. इस वजह से हवा जाती है और अगर 20 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा नहीं रहे तो प्रदूषण जम जाता है.


जावड़ेकर ने कहा, ''गंगा यमुना के मैदानी इलाकों में यह समस्या होती है और खासतौर पर गंगा यमुना के मैदान में पूरे देश में सबसे ज्यादा समस्या इस इलाके में होती है. हमें स्थिति में से सामना करना होगा अभी लोकसभा में इस पर विस्तार से बात करूंगा लेकिन वाहनों के बारे में यातायात से प्रदूषण कम हो इसके बारे में मोदी सरकार ने कई फैसले लिए. ईस्टर्न पेरिफेरल हाईवे बनाया गया. वाहन प्रदूषण करते थे, ये गाड़ियां अब दिल्ली में आना बंद है. मोदी सरकार बीएस-6 वाहन लेकर आई है. ''


उन्होंने कहा, ''मेरे घर में पिछले 8 साल से स्कूटी है. मैं उसका इस्तेमाल रोजमर्रा के कामकाज को निपटाने में करता हूं. मैं बाजार जाता हूं तो स्कूटी लेकर जाता हूं. घर के लोग इलेक्ट्रिक स्कूटी का इस्तेमाल करते हैं.''


जावड़ेकर ने कहा, ''मैं जब पुणे से आया तो दिल्ली और पुणे में अंतर है. यहां प्रदूषण की समस्या ज्यादा है. आज की समस्या यह नहीं है जो भूरेलाल की अध्यक्षता में कमेटी बनी थी. वह 18 साल पहले सुप्रीम कोर्ट ने बनाई थी. लगातार चिंता बढ़ रही है. सीएनजी 18 साल पहले शुरू की गई, मेट्रो आज 50 लाख से ज्यादा लोगों की आवाजाही में मदद करता है. पब्लिक ट्रांसपोर्ट बढ़ने से चार लाख वाहन सड़क पर आना बंद हुई. लोगों को भी आराम मिला है और प्रदूषण भी कम हुआ.''


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उन्होंने कहा, ''मैं मेट्रो का काम देखने गया तो मैं देखा कि कंस्ट्रक्शन कैसे कम कर रहे हैं. धूल का एक भी कन बाहर नहीं आ रहा था. मैंने अधिकारियों को भेजा और वेस्ट मैनेजमेंट कैसे कर रहे हैं. वह सब अधिकारियों ने देखा और उसके बाद इसी के आधार पर हमने कंस्ट्रक्शन कैसे करना है इसके लिए नियम बनाए.''