NMP Launch: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लॉन्च किया नेशनल मॉनेटाइजेशन पाइपलाइन प्रोग्राम, जानें इसके बारे में सब कुछ
NMP Launch: इसके ज़रिए केंद्र सरकार अगले चार सालों में अपनी जिन सरकारी संपत्तियों को बेचेगी या मॉनिटाइज़ करेगी, उसकी लिस्ट तैयार की जाएगी.
National Monetisation pipeline Launch: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एमएनपी यानी नेशनल मॉनेटाइजेशन पाइपलाइन लॉन्च कर दिया है. इस मौके पर निर्मला सीतारमण ने कहा कि संपत्तियों के मौद्रिकरण में जमीन की बिक्री शामिल नहीं है और ये मौजूदा संपत्तियों (ब्राउनफील्ड संपत्तियों) के मौद्रिकरण से संबंधित है. इसके ज़रिए सरकार 6 लाख करोड़ रुपये जुटाने की तैयारी में है.
इस मौके पर नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा कि रेल, सड़क, बिजली क्षेत्र से जुड़ी छह लाख करोड़ रुपये की बुनियादी ढांचा की संपत्तियों को चार साल के दौरान मौद्रिकरण किया जाएगा.
अमिताभ कांत ने कहा, "हम नेशनल मॉनेटाइजेशन पाइपलाइन को कामयाब बनाने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं. हमें लगता है कि बेहतर ऑपरेशन और मैनेजमेंट के लिए प्राइवेट सेक्टर में आना बेहद ज़रूरी है. इसलिए हम ज़मीनी स्तर पर हम मज़बूती से काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं."
वित्त मंत्री ने कहा, "एनएमपी के तहत वित्त वर्ष 2022 से वित्त वर्ष 2025 तक चार साल की अवधि में केंद्र सरकार की मुख्य संपत्तियों के माध्यम से छह लाख करोड़ रुपये की कुल मौद्रिकरण संभावनाओं का अनुमान लगाया गया है."
इस योजना के बारे में जानकारी देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि राष्ट्रीय मॉनेटाइज़ेशन पाइपलाइन ब्राउनफील्ड संपत्तियों के बारे में है जहां निवेश पहले से ही किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि ये ऐसी संपत्तियां हैं जो या तो सुस्त पड़ी हैं या पूरी तरह से मॉनेटाइज़ नहीं की गई हैं या फिर कम उपयोग की गई हैं.
निर्मला सीतारमण ने कहा कि इसमें प्राइवेट हिस्सेदारी लाकर हम इसे बेहतर तरीके से मॉनेटाइज़ (मुद्रीकरण) करने जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि मॉनेटाइज़ेशन के बाद जो भी संसाधन प्राप्त किए जाएंगे, उससे हम आगे आधारभूत ढांचा खड़ा करने में और अधिक निवेश करेंगे.
इस योजना पर उठ रहे सवालों पर सीतारमण ने कहा, "जिन लोगों के दिमाग में ये सवाल है कि क्या हम ज़मीनें बेच रहे हैं? नहीं. राष्ट्रीय मॉनेटाइज़ेशन पाइपलाइन ब्राउनफील्ड संपत्तियों को लेकर है, जिन्हें बेहतर तरीके से मॉनेटाइज़ करने की ज़रूरत है."
वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि ये बेहद ज़रीरी है कि भारत यह समझे कि हमारी संपत्तियों का अधिकतम लाभ उठाने का समय आ गया है. उन्होंने कहा, "संपत्ति का मालिकाना हक सरकार के पास बना रहेगा और उनका नियंत्रण वापस करना अनिवार्य होगा
वित्त मंत्रालय की ओर से कहा गया कि सड़क, परिवहन और राजमार्ग, रेलवे, बिजली, पाइपलाइन और प्राकृतिक गैस, नागरिक उड्डयन, शिपिंग बंदरगाह और जलमार्ग, दूरसंचार, खाद्य और सार्वजनिक वितरण, खनन, कोयला और आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय नेशनल मॉनेटाइज़ेशन पाइपलाइन में शामिल हैं.
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