Nirmala Sitharaman: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने बुधवार को महत्वपूर्ण आर्थिक मुद्दों को लेकर वाशिंगटन डीसी में सऊदी, नीदरलैंड, दक्षिण कोरिया, जापान के वित्त मंत्रियों और शीर्ष अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रमुखों के साथ द्विपक्षीय बैठक की. इसके अलावा उन्होंने दुनिया के सामने आने वाली कुछ प्रमुख आर्थिक चुनौतियों, प्रमुख रूप से ऊर्जा पर चर्चा की. इसमें यूक्रेनी युद्ध, ऋण स्थिरता और जलवायु परिवर्तन के मद्देनजर संकट और मुद्रास्फीति के मुद्दे शामिल थे.
इस दौरान उनके समकक्षों ने कहा कि वर्तमान वैश्विक मंदी में भारत का उदय एक उज्ज्वल स्थान के रूप में हुआ. साथ ही भारत की सफल नीतियों जैसे डिजिटलीकरण और डायरेक्ट मनी ट्रांसफर की सराहना की गई. वित्त मंत्री ने इस अवसर का उपयोग इन नेताओं से प्रतिक्रिया प्राप्त करने के लिए किया कि भारत अगले साल G-20 देशों के समूह के अध्यक्ष के रूप में क्या भूमिका निभा सकता है.
जापानी विदेश मंत्री से मुलाकात
जापानी वित्त मंत्री शुनिची सुजुकी के साथ अपनी बैठक के दौरान वित्त मंत्री ने कहा कि 2023 विश्व मंच पर दोनों देशों के लिए अधिक जिम्मेदारियां लेकर आया है. 2023 में भारत जी -20 और जापान देशों के जी -7 समूह की अध्यक्षता करने जा रहा है. दोनों वित्त मंत्रियों ने भारत-प्रशांत आर्थिक सहयोग से संबंधित प्रमुख एजेंडा पर भी चर्चा की.
कोरियाई वित्तमंत्री को किया भारत आमंत्रित
सीतारमण ने दक्षिण कोरिया के वित्त मंत्री चू क्यूंग-हो के साथ अपनी बैठकों में 2023 में जी -20 वित्त की संभावनाओं पर चर्चा की और भारत द्वारा समूह की अध्यक्षता करने पर अपने देश का समर्थन मांगा. बैठक के दौरान उन्होंने क्यूंग-हो को छठी भारत-दक्षिण कोरिया के वित्त मंत्रियों की बैठक के लिए भारत आमंत्रित किया.
सऊदी अरब के साथ वित्तीय मुद्दों पर चर्चा
सऊदी अरब के वित्त राज्य मंत्री मोहम्मद अल जादान के साथ अपनी बैठक में दोनों नेताओं ने भारत-सऊदी द्विपक्षीय सहयोग के मामलों के साथ-साथ कई आर्थिक और वित्तीय मुद्दों पर चर्चा की. साथ ही सीतारमण ने नीदरलैंड के वित्त मंत्री सिग्रिड काग के साथ भी बैठक की, जिन्हें भारत ने भारत की अध्यक्षता में जी-20 में अतिथि देश के रूप में आमंत्रित किया है.
भूटान के साथ द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा
वहीं, अपने भूटानी समकक्ष ल्योंपो नामगे शेरिंग के साथ अपनी बैठक के दौरान सीतारमण ने कहा कि भारत दोनों देशों के बीच अंतरिक्ष, डिजिटल प्रौद्योगिकियों, वित्तीय क्षेत्र, स्वास्थ्य क्षेत्र के साथ-साथ तृतीयक शिक्षा जैसे नए और उभरते क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग का विस्तार करने के लिए तत्पर है. उन्होंने कहा कि भारत दोनों देशों के लोगों के विकास और भलाई के लिए भारत-भूटान द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाना और और गहरा करना चाहता है.
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