'ब्लाइंड स्पॉट्स पर हों CCTV कैमरे', डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर केंद्र की टास्क फोर्स का राज्यों को निर्देश
Task Force: केंद्र ने डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर एक अहम बैठक की थी. इस बैठक में गृह मंत्रालय और स्वास्थ्य मंत्रालय के सेक्रेटरी ने सभी राज्यों के मुख्य सचिव और पुलिस प्रमुखों ने हिस्सा लिया था.
Task Force: डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए उपाय सुझाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल टास्क फोर्स(एनटीएफ) का गठन किया था. एनटीएफ ने मंगलवार (27 अगस्त) को अपनी रिपोर्ट कैबिनेट सचिव राजीव गौबा को सौप दी थी. इस रिपोर्ट के आधार पर बुधवार (28 अगस्त) को केंद्र की ओर से सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश के मुख्य सचिवों और डीजीपी की बैठक हुई. इस बैठक में इस रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई पर विस्तार से विचार किया गया.
गृह सचिव गोविंद मोहन की अध्यक्षता और स्वास्थ्य सचिव अपूर्व चंद्रा की सह अध्यक्षता में हुई इस बैठक में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश के अधिकारी शामिल हुए. इस मीटिंग में डॉक्टरों की सुरक्षा और उनकी चिंताओं को लेकर राज्यों की ओर से उठाये गये कदमों की जानकारी ली गई.
इन मुद्दों पर हुई चर्चा
इस बैठक में कहा गया कि डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए 26 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, असम, बिहार, छत्तीसगढ़, दिल्ली, गोवा, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, ओडिशा, पुडुचेरी, पंजाब, राजस्थान, तमिलनाडु, त्रिपुरा, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल) में पहले से कानून मौजूद है. ऐसे में उनके उचित कार्यान्वयन करने पर बल देने को कहा गया. वहीं, उन राज्यों को भी कानून बनाने को कहा गया है, जिनके पास डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर कोई कानून नहीं है.
इसके अलावा लोगों में जागरूकता फैलाना, अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में मुख्य सुरक्षा अधिकारियों की नियुक्ति करना, सरकारी अस्पतालों में काम करने वाले संविदा/आउटसोर्स कर्मचारियों का पुलिस सत्यापन, जिला मजिस्ट्रेट और पुलिस अधीक्षकों द्वारा जिला अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों के डीन/निदेशकों के साथ मिलकर सरकारी जिला अस्पतालों (डीएच) और मेडिकल कॉलेजों (एमसी) में संयुक्त सुरक्षा ऑडिट, मेडिकल कॉलेजों/जिला अस्पतालों के परिसर में पुलिस चौकी/पुलिस थाना होना और रात में पुलिस द्वारा गश्त बढ़ाना आदि पर जोर देने का निर्देश दिया गया.
बैठक में CCTV से निगरानी करने पर भी जोर दिया गया है. इस दौरान कहा गया कि अस्पताल में सीसीटीवी के माध्यम से निगरानी की जाए. अस्पताल के ब्लाइंड स्पॉट पर CCTV लगाया जाए. देर रात ड्यूटी के दौरान महिला डॉक्टरों के लिए सुरक्षा प्रदान कराई जाए.
समय-समय पर होगी सुरक्षा ऑडिट
गृह सचिव गोविंद मोहन ने अधिकारियों से उन अस्पतालों में सुरक्षा बढ़ाने को कहा है, जहां पर ज्यादा लोग आते हैं. ऐसे अस्पतालों में ब्लाइंड स्पॉट में सीसीटीवी कैमरे लगाने को कहा गया. ऐसे अस्पतालों में जिला कलेक्टर और डीएसपी और डीएच/एमसी के प्रबंधन के साथ संयुक्त सुरक्षा ऑडिट करने का कहा गया है. सभी अस्पताल/मेडिकल कॉलेज परिसरों में पुलिस की गश्त बढ़ाने को भी कहा गया है.