HMPV Virus State Guidelines: 'अलर्ट पर रहें, हम किसी भी लहर से निपटने को तैयार', HMPV पर जानें केंद्र ने क्या कहा?
HMPV Virus: केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव श्रीमती पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने राज्यों के साथ एक वर्चुअल बैठक आयोजित की, जिसमें उन्होंने भारत में श्वसन रोगों की स्थिति और HMPV मामलों की समीक्षा की.
Virus Prevention: केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने सोमवार (6 जनवरी) को राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के साथ एक वर्चुअल बैठक आयोजित की, जिसमें उन्होंने भारत में श्वसन संबंधित बीमारियों की वर्तमान स्थिति और चीन में HMPV (ह्यूमन मेटाप्न्युमोवायरस) के मामलों में बढ़ोतरी के बाद सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों की समीक्षा की. बैठक में डॉ. राजीव बहल, सचिव (DHR); डॉ. (प्रो.) अतुल गोयल, DGHS; राज्यों के स्वास्थ्य सचिव, NCDC, IDSP, ICMR, NIV और राज्य निगरानी इकाइयों के विशेषज्ञों ने भाग लिया.
बैठक के दौरान ये स्पष्ट किया गया कि IDSP (इन्फ्लूएंजा-लाइक इलनेस और गंभीर श्वसन संक्रमण) डेटा में देश के किसी भी हिस्से में HMPV या ILI/SARI मामलों में कोई असामान्य बढ़ोतरी नहीं दिखी है. साथ ही आईसीएमआर की सेंटिनल निगरानी डेटा भी इसके समर्थन में था. केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने ये कहा कि HMPV जो कि 2001 से वैश्विक स्तर पर मौजूद है. इससे संबंधित कोई चिंता का विषय नहीं है. इसके अलावा उन्होंने राज्यों को ILI/SARI निगरानी को मजबूत करने और उसकी समीक्षा करने की सलाह दी.
शीतकाल में सांस से जुड़ी बीमारियों में बढ़ोतरी
स्वास्थ्य सचिव ने ये भी बताया कि शीतकाल में सांस से संबंधित रोगों के मामलों में आमतौर पर बढ़ोतरी देखी जाती है. उन्होंने ये स्पष्ट किया कि देश इस समय किसी भी संभावित श्वसन रोगों की लहर से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है. HMPV एक सामान्य श्वसन वायरस है जो हर उम्र के लोगों में संक्रमण की वजह बन सकता है खासकर सर्दी और शुरुआती वसंत के महीनों में.
राज्यों को जागरूकता बढ़ाने की सलाह
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने राज्यों को ये भी सलाह दी कि वे वायरस के प्रसार को रोकने के लिए जन जागरूकता बढ़ाने के उपायों को बढ़ावा दें. उन्होंने हाथों को साबुन और पानी से बार-बार धोने, आंखों, नाक या मुंह को बिना धोए हाथों से न छूने, बीमारी के लक्षणों वाले व्यक्तियों से निकट संपर्क से बचने और खांसते-छींकते समय मुंह और नाक ढकने जैसे साधारण उपायों के बारे में लोगों में जागरूकता फैलाने का निर्देश दिया. इसके साथ ही ये भी बताया कि ICMR-VRDL लैब्स में पर्याप्त डायग्नोस्टिक सुविधाएं उपलब्ध हैं जिससे वायरस के मामलों की पहचान करने में कोई समस्या नहीं होगी.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने ये पुष्टि की कि देश इस समय श्वसन संबंधित बीमारियों के बढ़ने के खतरे से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है. सरकार ने इस दिशा में सभी राज्यों को उचित दिशा-निर्देश दिए हैं ताकि कोई भी संभावित संकट से पहले ही निपटा जा सके और जन स्वास्थ्य सुरक्षित रहे.