नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज लोकसभा में जम्मू-कश्मीर में आरक्षण कानून में संशोधन का प्रस्ताव रखा है. इस दौरान अमित शाह ने कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा से लगे क्षेत्रों के लोगों के लिए जो आरक्षण है उसी के अंतर्गत अंतरराष्ट्रीय सीमा में रहने वालों को भी इसका लाभ मिलना चाहिए. अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन की अवधि 6 महीने बढ़ाने का भी प्रस्ताव रखा, जिसका कांग्रेस ने विरोध किया है.
सदन में अमित शाह ने कहा, ‘’आज इस सदन के सामने मैं दो प्रस्ताव लेकर उपस्थित हुआ हूं. एक वहां जो राष्ट्रपति शासन चल रहा है, उसकी अवधि को बढ़ाने का है और दूसरा जम्मू कश्मीर के संविधान के सेक्शन 5 और 9 के तहत जो आरक्षण का प्रावधान है, उसमें संशोधन करके कुछ और क्षेत्रों को जोड़ने का प्रावधान.’’
अमित शाह ने आगे कहा, ‘’जम्मू कश्मीर में अभी विधानसभा अस्तित्व में नहीं है इसलिए मैं बिल लेकर आया हूं कि 6 माह के लिए राष्ट्रपति शासन को बढ़ाया जाए. चुनाव आयोग ने भी केंद्र सरकार और सभी राजनीतिक दलों से बात करके निर्णय लिया है कि इस साल के अंत में ही वहां चुनाव कराना संभव हो सकेगा.’’
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मोदी सरकार ने पिछले एक साल में वहां 4 हजार से अधिक पंचायतों में चुनाव कराए- शाह
आतंकवाद के मुद्दे पर शाह ने कहा, ‘’पिछले एक साल के अंदर जम्मू-कश्मीर से आतंकवाद को जड़ों से उखाड़ फेंकने के लिए इस सरकार ने बहुत से कार्य किये हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘’जम्मू-कश्मीर में कई सालों से पंचायत के चुनाव नहीं कराये जाते थे, लेकिन हमारी सरकार ने पिछले एक साल में वहां 4 हजार से अधिक पंचायतों में चुनाव कराए और 40 हजार से अधिक पंच सरपंच आज लोगों की सेवा कर रहे हैं.’’
शाह ने कहा, ‘’पहले कई बार जम्मू कश्मीर में हमने रक्त रंजित चुनाव देखे हैं. सबको इस पर मलाल होता था. इस बार 40 हजार पदों के लिए चुनाव हुआ पर एक भी व्यक्ति की जान नहीं गई. संसद के चुनाव में भी हिंसा नहीं हुई है. ये दर्शाता है कि जम्मू कश्मीर में लॉ एंड ऑर्डर बेहतर है.’’
प्रधानमंत्री-गृहमंत्री ने एक साल में निपटा दिए सालों से लंबित मसले- शाह
अमित शाह ने कहा, ‘’पहली बार जम्मू कश्मीर की जनता ये महसूस कर रही है कि जम्मू और लद्दाख भी राज्य का हिस्सा है. सालों से लंबित मसले देश के प्रधानमंत्री और गृहमंत्री ने पिछले एक साल में निपटा दिए.’’
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, ‘’दूसरे प्रस्ताव में जम्मू कश्मीर के संविधान के सेक्शन 5 और 9 के तहत जो आरक्षण का प्रावधान है उसमें थोड़ा संशोधन कर कुछ नए क्षेत्रों को जोड़ने का प्रस्ताव लेकर आया हूं. जिसके तहत वास्तविक नियंत्रण रेखा से लगे क्षेत्रों के लोगों के लिए जो आरक्षण है उसी के अंतर्गत अंतरराष्ट्रीय सीमा में रहने वालों को भी इसका लाभ मिलना चाहिए.’’
जम्मू कश्मीर आरक्षण संशोधन बिल के प्रस्ताव की मुख्य बात
जम्मू कश्मीर आरक्षण संशोधन बिल प्रस्ताव के तहत अब अंतर्राष्ट्रीय बॉर्डर से सटे गांव के लोगों को भी आरक्षण का फायदा मिलेगा. इसका सीधा फायदा जम्मू, सांबा और कठुआ के साढ़े 3 लाख लोगों को होगा. दरअसल अब तक जम्मू कश्मीर सरकार की नौकरियों में आरक्षण का फायदा सिर्फ एलओसी से सटे गांव के लोगों को ही मिलता था, लेकिन अब अंतर्राष्ट्रीय बॉर्डर से सटे गांव के लोगों को भी इसका फायदा मिल सकेगा.
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