जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा को लेकर MHA की हाई लेवल मीटिंग, टारगेट किलिंग से ड्रोन सप्लाई तक हर मुद्दे पर हुई चर्चा
MHA High Level Meeting: गृह मंत्रालय की इस उच्च स्तरीय बैठक में जम्मू-कश्मीर की आंतरिक सुरक्षा के बिंदुओं की समीक्षा की गई.
Jammu-Kashmir: जम्मू-कश्मीर में अक्सर आतंक से जुड़ी खबरें सामने आती हैं. इसी को लेकर आज (6 दिसंबर) गृह मंत्रालय ने उच्च स्तरीय बैठक बुलाई. केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला (Ajay Kumar Bhalla) के नेतृत्व में हुई इस बैठक में सुरक्षा की स्थिति को लेकर चर्चा हुई. इसमें मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी इंटेलिजेंस ब्यूरो के निदेशक तपन डेका और राष्ट्रीय जांच एजेंसी के महानिदेशक दिनकर गुप्ता सहित कई और अधिकारियों ने हिस्सा लिया.
गृह मंत्रालय में हुई अहम बैठक के दौरान जम्मू कश्मीर में आतंकी गतिविधियों, ड्रोन एक्टिविटी, टारगेटेड किलिंग और कश्मीरी पंडितों पर हमलों को लेकर चर्चा की गई. इसमें एनआईए, डीजी, सीआरपीएफ, बीएसएफ, डीजीपी जम्मू कश्मीर, जम्मू कश्मीर के चीफ़ सेक्रेटरी और रॉ चीफ के अधिकारी मौदूज रहे.
56 कर्मचारियों को मिला था धमकी भरा पत्र
यह बैठक द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ी खबरें सामने आने के बाद की गई, जिसने हाल ही में श्रीनगर जिले के शिक्षा विभाग के 56 कर्मचारियों को एक धमकी भरा पत्र जारी किया था. सरकारी सूत्रों के अनुसार, विभिन्न कश्मीरी पंडित संगठनों ने इसे गंभीर मामला बताते हुए इस मामले पर उच्च स्तरीय जांच की मांग की है.
कश्मीरी पंडितों की सुरक्षा है मुद्दा
जम्मू-कश्मीर में इस वक्त सबसे बड़ा मुद्दा कश्मीरी पंडितों की सुरक्षा है. यहां आए दिन कश्मीरी पंडितों को निशाना बनाया जा रहा है. कई लोग हत्या के डर से अपना घर छोड़ने पर मजबूर हो गए हैं. लोगों का कहना है कि आतंकवादी हमलों ने पंडितों के बीच एक प्रकार का भय पैदा कर दिया है. वह लोग भी घर छोड़ने को मजबूर हैं, जिन्होंने 1990 के दशक में आतंकवाद के सबसे कठिन दौर में भी अपना घर नहीं छोड़ा था.
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