कई राज्य कर रहे हैं CAA का विरोध, नागरिकता देने की प्रक्रिया ऑनलाइन कर सकती है केंद्र सरकार
केरल विधानसभा ने CAA को लेकर एक प्रस्ताव पारित किया है. इस प्रस्ताव में संशोधित नागरिकता कानून (CAA) को वापस लेने की मांग की गई है.
![कई राज्य कर रहे हैं CAA का विरोध, नागरिकता देने की प्रक्रिया ऑनलाइन कर सकती है केंद्र सरकार Union Home Ministry official says Centre mulls making process of granting citizenship under CAA online to bypass states कई राज्य कर रहे हैं CAA का विरोध, नागरिकता देने की प्रक्रिया ऑनलाइन कर सकती है केंद्र सरकार](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2019/07/10182352/Home-ministry-India.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
नई दिल्ली: संशोधित नागरिकता कानून (CAA) के तहत नागरिकता प्रदान करने की समूची प्रक्रिया केंद्र द्वारा ऑनलाइन बनाने की संभावना है, ताकि राज्यों को इस कवायद में दरकिनार किया जा सके. दरअसल, कुछ राज्य CAA के खिलाफ हैं. केंद्रीय गृह मंत्रालय केरल सहित कई राज्यों में सीएए का जोरदार विरोध किए जाने के मद्देनजर जिलाधिकारी के जरिए नागरिकता के लिए आवेदन लेने की मौजूदा प्रक्रिया को छोड़ने के विकल्प पर विचार कर रहा है. केरल में मंगलवार को विधानसभा में एक प्रस्ताव पारित कर इस विवादास्पद अधिनियम को वापस लेने की मांग की गई.
गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘हम जिलाधिकारी के बजाय एक नये प्राधिकार को नामित करने और आवेदन, दस्तावेजों की छानबीन और नागरिकता प्रदान करने की समूची प्रक्रिया ऑनलाइन बनाने की सोच रहे हैं.’’ अधिकारी ने कहा कि यदि यह प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन बन जाती है तो किसी भी स्तर पर कोई राज्य सरकार किस तरह का हस्तक्षेप नहीं करेगी.
इसके अलावा गृह मंत्रालय के अधिकारियों की यह राय है कि राज्य सरकारों के पास सीएए के क्रियान्वयन को खारिज करने की कोई शक्ति नहीं है क्योंकि यह अधिनियम संविधान की सातवीं अनुसूची की संघ सूची के तहत बनाया गया है. मंत्रालय के शीर्ष अधिकारी ने कहा, ‘‘संघीय सूची में शामिल किसी कानून के क्रियान्वयन से इनकार करने का राज्यों को कोई शक्ति नहीं है.’’
संघ सूची में 97 विषय हैं, जिनमें रक्षा, विदेश मामले, रेलवे, नागरिकता आदि शामिल हैं. सीएए के खिलाफ देशव्यापी प्रदर्शनों के बीच केरल विधानसभा ने इस विवादास्पद अधिनियम को वापस लेने की मांग करते हुए मंगलवार को एक प्रस्ताव पारित किया.
केरल विधानसभा के एक दिन के विशेष सत्र में सत्तारूढ़ माकपा नीत एलडीएफ और विपक्षी कांग्रेस नीत यूडीएफ ने प्रस्ताव का समर्थन किया, जबकि बीजेपी के एकमात्र विधायक ओ राजगोपाल ने असहमति जताई. सदन ने मुख्यमंत्री पिनराई विजयन द्वारा पेश किए गए प्रस्ताव को स्वीकृत किया. विजयन ने कहा कि संविधान विरोधी कानून के लिए कोई जगह नहीं है.
पश्चिम बंगाल, पंजाब, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ सहित कुछ अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने इस कानून के ‘‘असंवैधानिक’’ होने की घोषणा की है और कहा कि इसके लिए उनके राज्यों में कोई जगह नहीं है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा था, ‘‘आपके (भाजपा के) घोषणापत्र में विकास के मुद्दों के बजाय, आपने देश को विभाजित करने का वादा किया. नागरिकता धर्म के आधार पर क्यों दी जाए? मैं इसे स्वीकार नहीं करूंगी. हम आपको चुनौती देते हैं....’’
केरल सरकार के कदम पर रविशंकर प्रसाद बोले- नागरिकता पर सिर्फ संसद को कानून पारित करने का
उन्होंने कहा, ‘‘आप लोकसभा और राज्यसभा में जबरन कानून पारित कर सकते हैं क्योंकि आपके पास वहां संख्या बल है. लेकिन हम आपको देश बांटने नहीं देंगे.’’ पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने इस अधिनियम को भारत की धर्मनिरपेक्ष छवि पर सीधा हमला करार देते हुए कहा कि उनकी सरकार अपने राज्य में इस कानून को लागू नहीं होने देगी.
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि यह अधिनियम पूरी तरह से असंवैधानिक है. उन्होंने कहा, ‘‘इस पर कांग्रेस पार्टी में जो कुछ फैसला होगा हम छत्तीसगढ़ में उसे लागू करेंगे.’’ मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा था, ‘‘कांग्रेस पार्टी ने नागरिकता संशोधन अधिनियम पर जो कुछ रुख अख्तियार किया है हम उसका पालन करेंगे. क्या आप उस प्रक्रिया का हिस्सा बनना चाहेंगे जो विभाजन का बीज बोती है.’’
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने भी कहा कि यह विधेयक संविधान में निहित मूल विचारों पर पर खुल्लमखुल्ला प्रहार है और इस कानून के भाग्य के बारे में फैसला उच्चतम न्यायालय में होगा. गौतरलब है कि सीएए पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर 2014 तक आए हिंदू, सिख, ईसाई, बौद्ध, जैन और पारसी समुदाय के लोगों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान करता है, जिन्होंने इन तीन पड़ोसी देशों में धार्मिक उत्पीड़न का सामना किया है.
![IOI](https://cdn.abplive.com/images/IOA-countdown.png)
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)
![अनिल चमड़िया](https://feeds.abplive.com/onecms/images/author/4baddd0e52bfe72802d9f1be015c414b.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=70)