(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Coronavirus: केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल सरकार को लॉकडाउन के उल्लंघन को लेकर चेताया, कहा- हो रही है नियमों की अनदेखी
केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से पश्चिम बंगाल सरकार को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि कोरोना को आपदा प्रबंधन के तहत महामारी घोषित किया गया है और वहां केंद्र द्वारा जारी निर्देशों का पालन पूरी तरह से नहीं कराया जा रहा है.
नई दिल्ली: कोरोना वायरस लॉकडाउन को लेकर पश्चिम बंगाल प्रशासन की लापरवाही को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बेहद सख्त तरीके से लिया है. गृह मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल सरकार को भेजें पत्र में साफ तौर पर कहा है कि यदि इस तरह की लापरवाही जारी रही तो पश्चिम बंगाल में कोरोना वायरस का कहर बरस सकता है. मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल प्रशासन को यह निर्देश भी दिए हैं इस बाबत सख्त कदम उठाए जाएं उसकी जानकारी मंत्रालय को दी जाए.
पश्चिम बंगाल के अनेक इलाकों में लॉकडाउन को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय को अनेक रिपोर्ट मिली थी इन रिपोर्टों में इस बात के संकेत दिए गए थे कि स्थानीय प्रशासन की लापरवाही के चलते सोशल डिस्टेंस आदि का कोई ख्याल नहीं रखा जा रहा है यहां तक की स्थानीय पुलिस और राजनेता भी इस बात को लेकर गंभीर नहीं हैं.
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस बाबत विभिन्न केंद्रीय सरकारी एजेंसियों से आरंभिक तथ्य मंगवाए और इन तथ्यों के आकलन के दौरान यह पाया गया कि वास्तव में बड़े पैमाने पर लापरवाही चल रही है. इसके बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से एक कड़ा निर्देश पत्र पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को भेजा गया.
पश्चिम बंगाल प्रशासन को भेजे गए इस पत्र में साफ तौर पर लिखा गया है कि स्थानीय प्रशासन जो गैर जरूरी सामानों की दुकानें हैं उन्हें भी खोलने की इजाजत दे रहा है.साथ ही जरूरी सामान वाले बाजारों में जैसे राजा बाजार टॉप्सिया, मटियाबुर्ज, नरकेलडांगा, इकबालपुर, गार्डन रीच, मानिकतला आदि इलाकों में के बाजारों में किसी भी तरह की कोई सोशल डिस्टेंसिंग नहीं हो रही है. स्थानीय पुलिस ने धार्मिक उत्सवों को निकालने की छूट दी हुई है और फ्री राशन जो संबंधित संस्थानों को बांटना चाहिए वह वहां कि राजनेताओं द्वारा बांटा जा रहा है.
पत्र में साफ तौर पर स्थानीय प्रशासन को चेतावनी दी गई है यदि हालातों में सुधार नहीं किया गया तो पश्चिम बंगाल में कोरोना वायरस का कहर बरस सकता है. पत्र में लिखा गया है की इस बाबत सख्त कदम उठाए जाएं और प्रशासन ने कौन से सख्त कदम उठाएं इस बारे में केंद्रीय गृह मंत्रालय को भी सूचित किया जाए.
विश्व स्तर पर यह मान लिया गया है कि कोरोना एक भयंकर महामारी है और सोशल डिस्टेंसिंग ही इसका बड़ा उपचार है. ऐसे में राज्य सरकार को आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति छोड़कर अपनी जनता पर ध्यान देना चाहिए क्योंकि यदि जनता रहेगी तो राज्य भी कायम रहेगा.