Kiren Rijiju on Uniform Civil Code: समान नागरिक संहिता यानी यूनिफॉर्म सिविल कोड का मसला फिर से गर्माता जा रहा है. बीजेपी ही नहीं, बल्कि बीजेडी जैसी पार्टियों के सांसद भी इसे लागू करने की मांग कर चुके हैं. क्या मोदी सरकार देश में समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) लागू करने की दिशा में आगे बढ़ रही है? ये सवाल एक बार फिर इसलिए पूछा जा रहा है क्योंकि सरकार ने इस मसले पर विचार करने की बात दोहराई है. कानून मंत्री किरन रिजिजू (Kiren Rijiju) ने कहा है कि 22वां विधि आयोग (22nd Law Commission) इस मुद्दे पर विचार कर सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपेगा. रिजिजू ने ये बात बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे (BJP MP Nishikant Dubey) को लिखे एक पत्र में बताई है. 


22वां विधि आयोग करेगा यूनिफॉर्म सिविल कोड पर विचार


बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे (Nishikant Dubey) ने समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) लागू करने की मांग करते हुए ये मामला पिछले साल 1 दिसंबर को लोकसभा (Lok Sabha) में उठाया था. बीजेपी सांसद दुबे के उसी मांग पर जवाब देते हुए किरिन रिजिजू ने उन्हें एक पत्र लिखा है. इस साल 31 जनवरी को लिखे गए पत्र में किरन रिजिजू ने कहा है कि ये विषय बेहद गंभीर और संवेदनशील है. आपको बता दें कि राज्य के नीति निर्देशक तत्व शीर्षक के तहत संविधान की धारा 44 में देशभर में समान नागरिक संहिता लागू करने का प्रावधान दिया गया है.


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रविशंकर प्रसाद ने भी दिए थे संकेत


इससे पहले पिछले साल भी 10 मार्च को लोकसभा में पूछे गए एक सवाल के जवाब में तत्कालीन कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद (Ravi Shankar Prasad) ने जानकारी दी थी कि 22वां विधि आयोग इस मसले पर विचार कर सरकार को रिपोर्ट देगा. इससे पहले भी 21वां विधि आयोग इस मुद्दे पर विचार कर चुका है लेकिन सरकार को रिपोर्ट देने से पहले ही उसका कार्यकाल समाप्त हो गया था. 


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