CAA: 'मार्च 2024 तक हर हाल में लागू करेंगे CAA, कोई नहीं रोक सकता', बंगाल में बोले मंत्री अजय मिश्रा
CAA Implementation: केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा ने पश्चिम बंगाल के शरणार्थी समुदाय “मतुआ” बहुल क्षेत्र में जाकर दावा किया है कि सरकार मार्च 2024 तक हर हाल में CAA को लागू करेगी.
Citizenship Amendment Act Implementation: केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा ने एक बार फिर 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले नागरिकता (संशोधित) अधिनियम (CAA) को लागू करने का दावा दिया है. रविवार (26 नवंबर) को वह पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में ठाकुर नगर में आए थे, जहां बांग्लादेश छोड़कर भारत में बसे हिंदू शरणार्थी समुदाय "मतुआ" की बहुलता है. वहां उन्होंने कहा, "नागरिकता (संशोधन) अधिनियम का अंतिम मसौदा अगले साल 30 मार्च तक तैयार होने की उम्मीद है." उनके साथ स्थानीय भाजपा सांसद और केंद्रीय मंत्री शांतनु ठाकुर भी मौजूद थे, जो खुद मतुआ समुदाय के हैं.
उत्तर प्रदेश से बीजेपी सांसद मिश्रा ने यहां मतुआ समुदाय की एक सभा को संबोधित करते हुए कहा, "पिछले कुछ वर्षों में सीएए को लागू करने की प्रक्रिया में तेजी आई है. कुछ मुद्दों को सुलझाया जा रहा है. कोई भी मतुआ लोगों से नागरिकता का अधिकार नहीं छीन सकता. अगले साल मार्च तक सीएए का अंतिम मसौदा लागू होने के लिए तैयार होने की उम्मीद है."
राजनीतिक दलों ने CAA अराजकता फैलाई
अजय मिश्रा ने कहा, "ऐसे कई राजनीतिक दल हैं, जिन्होंने सीएए पारित होने पर अराजकता फैलाई. ये दल सुप्रीम कोर्ट भी गए और याचिकाएं दायर की. हमारे खिलाफ विपक्षी दलों द्वारा 220 याचिकाएं दायर की गईं. हम इस कानून को बनाए रखने के लिए सुप्रीम कोर्ट में अपना मामला जरूर लड़ेंगे. यह हमारा वादा है. सीएए निश्चित रूप से लागू किया जाएगा."
इससे पहले दिन में अजय मिश्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और बताया कि लोकसभा और राज्यसभा की समितियां सीएए पर काम कर रही हैं. उन्होंने कहा कि यह बिल 9 दिसंबर, 2019 को लोकसभा में पारित हुआ. राज्यसभा में यह 11 दिसंबर, 2019 को पारित हुआ. 12 दिसंबर को यह एक अधिनियम बन गया. 10 जनवरी 2020 को यह अधिनियम लागू हुआ.
अधिनियम बनने के बाद इस पर कुछ कानून और नियम बनाए जाने हैं. लोकसभा की विधायी समिति ने अगले साल 9 जनवरी की समय सीमा निर्धारित की है, जबकि राज्यसभा की विधायी समिति ने 30 मार्च 2024 की समय सीमा निर्धारित की है. निश्चित रूप से सीएए लागू किया जाएगा.
"बंगाल में कभी लागू नहीं होगा सीएए"
मिश्रा के दावे पर प्रतिक्रिया देते हुए पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल के राज्यसभा सांसद शांतनु सेन ने कहा, "बीजेपी को केवल चुनाव के दौरान मतुआ और सीएए की याद आती है. वह पश्चिम बंगाल में कभी भी सीएए लागू नहीं कर पाएगी."
सेन ने कहा, "बीजेपी के झूठे दावे मतुआ और अन्य लोगों के सामने स्पष्ट हो रहे हैं. अगले साल के चुनाव में बीजेपी को सभी खारिज कर देंगे." सेन ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस ने देश के नागरिक के रूप में मतुआओं के अधिकारों को सुनिश्चित किया है.
इन देशों के गैर मुस्लिमों को मिलेगी नागरिकता
आपको बता दें कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी कई मौके पर इस बात की चेतावनी दी है कि पश्चिम बंगाल में कभी भी सीएए को लागू नहीं होने देंगी. इस अधिनियम के जरिए 31 दिसंबर 2014 से पहले अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से भारत में आए हिंदुओं, सिखों, बौद्धों, जैनियों, पारसियों और ईसाइयों को भारतीय नागरिकता दी जानी है.
नाराज रहा है मतुआ समुदाय
2019 में ही बीजेपी ने बंगाल के इस मतुआ समुदाय को इस अधिनियम के जरिए नागरिकता देने का वादा किया था, लेकिन अब तक इसका कार्यान्वयन नहीं होने को लेकर समुदाय ने कई मौके पर नाराजगी जतायी थी. खुद सांसद शांतनु ठाकुर ने भी इस पर असंतोष जाहिर किया था. इस समुदाय के लोग पश्चिम बंगाल में बड़ी संख्या में हैं और कई लोकसभा सीटों पर चुनाव का परिणाम तय करते हैं. लोकसभा चुनाव से पहले यहां केन्द्रीय मंत्री का सीएए लागू करने का आश्वासन बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
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