नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार हेगड़े के एक बयान नए विवाद को जन्म दे दिया है. मोदी सरकार में कौशल विकास मंत्री अनंत कुमार हेगड़े ने कर्नाटक के कोप्पल जिले में एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि खुद को सेक्युलर और बुद्धिजीवी मानने वाले नहीं जानते कि उनके मां-बाप कौन हैं?


हेगड़े ने कहा कि यह नई परंपरा चलन में है, जिसमें लोग खुद को धर्मनिरपेक्ष बताते हैं. उन्होंने जोर देकर कहा कि उन्हें खुशी होगी अगर कोई यह दावा गर्व से करे कि वह मुस्लिम, ईसाई, लिंगायत, ब्राह्मण या हिंदू है.


उन्होंने आगे कहा, '''मुझे खुशी होगी क्योंकि वह व्यक्ति अपनी रगों में बह रहे खून के बारे में जानता है. लेकिन मुझे यह नहीं पता कि उन्हें क्या कहकर बुलाया जाए जो खुद को धर्मनिरपेक्ष बताते हैं.'


हेगड़े यहीं नहीं रुके उन्होंने आगे कहा, ''वे लोग जो अपनी जड़ों से अनभिज्ञ होते हुए खुद को धर्मनिरपेक्ष कहते हैं, उनकी खुद की कोई पहचान नहीं होती. उन्हें अपनी जड़ों का पता नहीं होता. लेकिन वे बुद्धिजीवी होते हैं.'' उन्होंने कहा कि वे संविधान का सम्मान करते हैं लेकिन आने वाले समय में ये बदलेगा. हम उसी के लिए यहां हैं और इसलिए हम आए हैं.


आपको बता दें कि ये पहला मौका नहीं है. अनंत कुमार हेगड़े पहले भी इस तरह के बयान देकर विवाद पैदा कर चुके हैं. केंद्रीय मंत्री का बयान ऐसे समय आया है जब कर्नाटक में कुछ महीने बाद विधानसभा के चुनाव होने हैं.


हेगड़े के बयान की कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया ने आलोचना की है. उन्होंने कहा कि बीजेपी नेता संसदीय और राजनीतिक भाषा नहीं जानते.