मंत्री सत्यपाल सिंह बोले- मेरा सपना है कि राष्ट्रपति और PM वेद लेकर पद की शपथ लें
केंद्रीय राज्यमंत्री और बीजेपी नेता सत्यपाल सिंह ने कहा है कि जब अमेरिका के राष्ट्रपति शपथ लेते हैं, उनके एक हाथ में बाइबल होती है और वो उसकी शपथ लेते हैं. मैं सपना देखता हूं जब इस देश के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मंत्री अपने हाथों में वेद लेकर उससे अपने पद की शपथ लेंगे.
नई दिल्ली: केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री सत्यपाल सिंह ने कहा है कि मेरा सपना है कि भारत में राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और मंत्री वेद लेकर पद की शपथ लें. उन्होंने अमेरिका का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां राष्ट्रपति बाइबल लेकर पद की शपथ लेते हैं. ध्यान रहे कि भारत में राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मंत्री संविधान की शपथ लेते हैं.
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) नेता सिंह ने कहा, ''जब अमेरिका के राष्ट्रपति शपथ लेते हैं, उनके एक हाथ में बाइबल होती है और वो उसकी शपथ लेते हैं. मैं सपना देखता हूं जब इस देश के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मंत्री अपने हाथों में वेद लेकर उससे अपने पद की शपथ लेंगे.''
Jitne bhi apradh, aatankwaad, samasyaein hain, un sabka nidaan agar koi kar sakta hai hai, to wo vedon ke vichaar, Rishi gyaan hi kar sakti hai...Agar iss desh ke gaurav ko punah lautana hai to hamein punah vedon ki taraf jaana padega: Union Minister Satya Pal Singh (25.10.2018) pic.twitter.com/rpALHRmFXA
— ANI (@ANI) October 26, 2018
उत्तर प्रदेश के बागपत से सांसद सत्यपाल सिंह ने अंतरराष्ट्रीय आर्य महासम्मेलन 2018 को संबोधित करते हुए कहा, ''जितने भी अपराध, आतंकवाद की समस्याएं हैं, उन सबका निदान अगर कोई कर सकता है, तो वो वेदों के विचार, ऋषि ज्ञान ही कर सकती है...अगर इस देश के गौरव को पुन: लौटाना है तो हमें पुन: वेदों की तरफ जाना पड़ेगा.''
सत्यपाल सिंह पहले भी अध्यातम की तरफ लौटने की बात कर चुके हैं. उन्होंने कहा था, ''दिल्ली, मुंबई में आत्महत्या करने वालों की संख्या यहां होने वाली हत्याओं से ज्यादा है. यह विज्ञान है जो हमें मानव जीवन के मूल्य के बारे में बताता है. क्या विज्ञान हमें जीवन के इस तरह के मूल्यों के बारे में सिखाता है? यह तबतक होगा जबतक कि हम अध्यात्मिक विज्ञान के बारे में बात नहीं करेंगे. बुद्धि के विज्ञान को पढ़ाए जाना चाहिए."
राज्यमंत्री ने इससे पहले चार्ल्स डार्विन के क्रमागत विकासवाद के सिद्धांत को 'वैज्ञानिक तरीके से गलत' बताया था और दावा करते हुए कहा था कि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि हमारी उत्पत्ति बंदरों से हुई है.