'केंद्र ही बता सकता है कि उससे जुड़ा तथ्य सही है या गलत', PIB फैक्ट चेक यूनिट पर बोले अश्विनी वैष्णव
Monsoon Session: केंद्रीय IT मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान एक प्रश्न का जवाब दे रहे थे, जो फैक्ट-चेक यूनिट लगाने की केंद्र की अधिसूचना पर सुप्रीम कोर्ट की रोक से जुड़ा था.
Monsoon Session: संसद में मॉनसून सत्र के दौरान केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शुक्रवार (24 जुलाई) को राज्यसभा में पीआईबी की फैक्ट चेक यूनिट के समक्ष सरकार का रुख साफ किया है. अश्विनी वैष्णव ने कहा कि तथ्यों की सत्यता का निर्धारण केवल केंद्र ही कर सकता है. राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान फैक्ट चेक यूनिट स्थापित करने की केंद्र की अधिसूचना पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा रोक लगाए जाने के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में अश्विनी वैष्णव ने यह बात कही.
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री वैष्णव ने कहा, "आईटी नियमों में बदलाव, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है, अभी भी विवाद में है, लेकिन हमारा कहना है कि भारत सरकार से जुड़ी कोई भी चीज, केवल सरकार ही कह सकती है कि यह सही तथ्य है या गलत. यही हमारा रुख है.
SC ने मार्च में केंद्र की फैक्ट-चेक यूनिट पर लगाई थी रोक
सुप्रीम कोर्ट ने इसी साल (21 मार्च) को प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो के अंतर्गत फैक्ट-चेक यूनिट का गठन करने वाली केंद्र सरकार की अधिसूचना पर रोक लगाई थी. केंद्र ने एक दिन पहले बुधवार यानी 20 मार्च को ही आईटी यानी सूचना प्रौद्योगिकी नियमों के तहत फैक्ट चेक यूनिट को नोटिफाई किया था.
उस दौरान कोर्ट ने कहा था कि, 'यह यूनिट अभिव्यक्ति की आजादी के खिलाफ है.' यह फैक्ट चेक यूनिट केंद्र सरकार के बारे में सोशल मीडिया में वायरल हो रही फर्जी सूचनाओं और पोस्ट की पहचान करने के साथ उसे प्रतिबंधित करने के लिए बनाई जानी थी.
सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे HC के आदेश को भी किया था रद्द
सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने बॉम्बे हाई कोर्ट के 11 मार्च के आदेश को भी रद्द कर दिया, जिसमें केंद्र सरकार के बारे में सोशल मीडिया पर फर्जी और झूठी सामग्री की पहचान करने के लिए संशोधित आईटी नियमों के तहत एफसीयू की स्थापना पर अंतरिम रोक लगाने से इनकार कर दिया गया था.
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