Giriraj Singh on Kanwar Yatra: 'अगर हिंदू नाम से इतना प्यार तो क्यों नहीं बन जाते हिंदू', गिरिराज सिंह ने किसे लेकर कही ये बात?
Kanwar Yatra Nameplate Controversy: कांवड़ मार्गों पर मौजूद कुछ दुकानों के हिंदुओं जैसे नाम होने की बात कही गई. दावा किया गया कि इन दुकानों के मालिक मुस्लिम समाज से आते हैं.
Giriraj Singh News: केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के फायरब्रांड नेता गिरिराज सिंह ने बेहद की आक्रामक बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि अगर किसी को हिंदू नाम से बहुत ज्यादा लगाव है तो वह हिंदू क्यों नहीं बन जाता है. माना जा रहा है कि उनका ये बयान यूपी में कांवड़ यात्रा मार्गों पर मौजूद दुकानों के मालिकों को नेमप्लेट लगाने के लिए दिए गए निर्देश से जुड़ा हुआ है. इसकी वजह ये है कि कांवड़ मार्गों पर मौजूद कुछ दुकानों के नाम हिंदू नामों जैसे मिलते-जुलते हैं.
गिरिराज सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "अगर हिन्दू नाम इतना प्रिय है तो हिन्दू क्यों नहीं बन जाते?" मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली यूपी सरकार ने आदेश दिया है कि प्रदेश में कांवड़ मार्गों पर जितनी भी दुकानें मौजूद हैं, उनके मालिकों को अपने नाम एक नेमप्लेट के जरिए दुकान के बाहर लगाना होगा. यूपी सरकार के इस फैसले की चौतरफा आलोचना की जा रही है. विपक्ष के साथ एनडीए में बीजेपी के सहयोगियों ने भी फैसले का विरोध किया है.
अगर हिन्दू नाम इतना प्रिय है तो हिन्दू क्यों नहीं बन जाते?
— Shandilya Giriraj Singh (@girirajsinghbjp) July 20, 2024
बीजेपी पर सहयोगी हुए हमलावर
यूपी सरकार के इस फैसले की आरजेडी, आरएलडी और एलजेपी ने आलोचना की है. तीनों ही दल एनडीए में बीजेपी के साथ हैं. चिराग पासवान ने कहा कि वह जाति या धर्म के नाम पर इस तरह के विभेद का समर्थन नहीं करते हैं. जेडीयू नेता केसी त्यागी ने कहा कि यूपी सरकार का फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास मंत्र के खिलाफ है. आरलेडी ये यूपी अध्यक्ष रामाषीश राय ने कहा कि ये गैर-संवैधानिक फैसला है, जो वापस होना चाहिए.
उत्तराखंड में लागू हुआ यूपी जैसा फैसला
जहां यूपी सरकार के फैसले की आलोचना हो रही है, वहीं उत्तराखंड में भी ऐसा ही फरमान लागू कर दिया गया है. कांवड़ यात्रा मार्ग पर खाने की दुकान और ढाबा संचालकों को अब अपना नाम, पता और मोबाइल नंबर लिखने को कहा गया है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि अपना परिचय देने में किसी को समस्या नहीं होनी चाहिए. इस फैसले का मकसद किसी को निशाना बनाना या फिर परेशानी में डालना नहीं है. पहचान छिपाने से तनाव पैदा होने की घटनाएं होती हैं.
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