हरदीप पुरी ने कहा- सेंट्रल विस्टा को लेकर फैलाया जा रहा झूठ, वैक्सीन के लिए नहीं है पैसे की कोई कमी
हरदीप पुरी ने कहा कि ऐसा कहा जा रहा है कि ये 20 हजार करोड़ का प्रॉजेक्ट है, इसे छोड़ कर वैक्सीन देना चाहिए. ये बीस हजार करोड़ का आंकड़ा मनगढ़ंत है और वैक्सीन की उपलब्धता समस्या हो सकती है. लेकिन पैसे की तो कोई समस्या नहीं है.
केन्द्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि पिछले कई महीनों से सेंट्रल विस्टा के बारे में झूठ फैलाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि इसे वैनेटी प्रोजेक्ट बताया गया है यानी इसकी जरूरत नहीं है. पुरी ने सोमवार के एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि सेंट्रल विस्टा में अगले ढाई तीन सौ बरस के लिए है. वर्तमान संसद भवन सौ बरस पुराना हो चुका है. हेरिटेज बिल्डिंग हैं ये सब, इन्हें बिल्कुल डिस्टर्ब नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा कि सेंट्रल विस्टा एवेन्यू और संसद भवन ये दो अलग अलग प्रॉजेक्ट है और इसकी जल्दी इसलिए कर रहे हैं कि भारत की 75वीं जयंती हम नए संसद भवन में करना चाहते हैं.
उन्होंने कहा कि सभी पेटिशन को मिलाकर सुप्रीम कोर्ट ने भी सुना. ये कहा जा रहा है कि ये बीस हज़ार करोड़ का प्रॉजेक्ट है, इसे छोड़ कर वैक्सीन देना चाहिए. ये बीस हजार करोड़ का आंकड़ा मनगढ़ंत है और वैक्सीन की उपलब्धता समस्या हो सकती है. लेकिन पैसे की तो कोई समस्या नहीं है. उन्होंने आगे कहा कि इस पर महामारी के बहुत पहले ही फैसला के लिया था. पुराना संसद भवन सेसमिक ज़ोन 2 में आता था जबकि अब ये सेसमिक जोन 4 में आती है.
पुरी ने कहा कि 1947 में जनसंख्या 350 मिलियन थी. तय करते समय नए संसद भवन की कीमत 862 करोड़ आंकी गई थी. सेंट्रल विस्टा की लागत 477 करोड़ थी. यानी कुल करीब 1300 करोड़ की बात है. उन्होंने कहा कि भविष्य में सांसदों की संख्या और भी बढ़ने वाली है. इसलिए भी अधिक सीटों वाले संसद भवन की जरूरत है. दिल्ली हाईकोर्ट में काम रोकने की पेटिशन भी फाइल हुई जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया.
पुरी ने आगे कहा कि हम सेंट्रल विस्टा और संसद भवन का काम रोक देंगे तो किसका फायदा होगा लेबरों को पैसा भी ठेकेदार नहीं दे पाएगा. मई-जून और जुलाई के लिए दोनों वैक्सीन बनाने वाली कम्पनियों को एडवांस दे चुकी है सरकार. अगस्त से दिसम्बर तक करोड़ों की संख्या में पर्याप्त से अधिक वैक्सीन मिल जाएगी. ये वैनेटी प्रॉजेक्ट नहीं है बल्कि नेसेसिटी प्रॉजेक्ट है. विदेश मंत्रालय के ऑफ़िस ही कई जगह अलग-अलग जगहों पर फैले हुए हैं. जबकि नब्बे एकड़ प्राईम लैंड में अंग्रेजों के बनाए हटमेंट्स हैं.
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