ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सोनिया गांधी की मौजूदगी में कांग्रेस पर बोला हमला, एयर इंडिया की दुर्दशा के लिए बताया जिम्मेदार
सिंधिया ने कहा कि यूपीए सरकार के गलत फैसलों के चलते एयर इंडिया की आर्थिक सेहत खराब होने लगी और घाटा बढ़ता गया.
नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बुधवार को कांग्रेस पर बड़ा आरोप लगाया. सिंधिया ने एयर इंडिया के घाटे और उसकी दुर्दशा के लिए कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार को ज़िम्मेदार बताया. उनके मुताबिक यूपीए सरकार के पहले कार्यकाल में कुछ ऐसे फैसले लिए गए जिसका असर एयर इंडिया के लगातर घाटे में डूबने के रूप में सामने आया. लोकसभा में नागरिक उड्डयन मंत्रालय की अनुदान मांगों पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए सिंधिया ने एयर इंडिया को बेचने के मोदी सरकार के फैसले को सही ठहराया .
एयर इंडिया की हालत को लेकर कांग्रेस पर आरोप
जिस समय सिंधिया ने यूपीए सरकार पर आरोप लगाए उस वक्त कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी लोकसभा में मौजूद थीं. नागरिक उड्डयन मंत्री ने कहा कि यूपीए सरकार के गलत फैसलों के चलते एयर इंडिया की आर्थिक सेहत खराब होने लगी और घाटा बढ़ता गया. उन्होंने कांग्रेस से पूछा कि 2005-06 में जब एयर इंडिया महज 14 करोड़ के मुनाफ़े में थी तब सरकार ने 111 नए एयरक्राफ्ट खरीदने का फ़ैसला क्यों किया ? सिंधिया के मुताबिक उसके बाद से लगातार एयर इंडिया घाटे में चलती चली गई. सिंधिया ने ये भी आरोप लगाया कि एयर इंडिया और इंडियन एयरलाइंस के विलय के बाद एयर इंडिया की हालत और खस्ता होती चली गई .
एयर इंडिया को बेचने का फैसला सही - सिंधिया
केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने कहा कि जो एयर इंडिया 2005-06 में 14-15 करोड़ के मुनाफे में थी, उसे अगले 14 सालों में 85 हजार करोड़ का नुकसान झेलना पड़ गया. उनके मुताबिक़ ये घाटा सरकार का नहीं बल्कि करदाताओं का हो रहा था, लिहाज़ा एयर इंडिया को बेचने का फ़ैसला लिया गया जो सही फ़ैसला था. सिंधिया ने दावा किया कि इस घाटे को बंद कर इस पैसे का इस्तेमाल उज्ज्वला और मुफ्त राशन जैसी जनकल्याणकारी योजनाओं के लिए करने का फैसला किया गया. चर्चा के दौरान कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी और टीएमसी के सुदीप बंदोपाध्याय के सवाल के जवाब में सिंधिया ने यह भी बताया कि टाटा के साथ एयर इंडिया को लेकर किए गए समझौते के मुताबिक टाटा एक साल तक किसी भी कर्मचारी को निकाल नहीं सकता है और अगर वो एक एक साल के बाद किसी को निकालना चाहता है तो वो भी सिर्फ वीआरएस योजना के जरिए ही किया जा सकता है.
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