केंद्रीय मंत्री नारायण राणे को बॉम्बे हाई कोर्ट से राहत मिली है. अदालत ने निर्देश दिया है कि फिलहाल नारायण राणे को भेजे गए बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) के नोटिस पर कार्रवाई नहीं की जाए. ये मामला नारायण राणे के जुहू स्थित उनके बंगले में 15 दिनों के भीतर 'अनधिकृत' निर्माण को हटाने से जुड़ा है.
कोर्ट ने बीएमसी को कंपनी द्वारा नियमितीकरण आवेदन को सुनने के बाद ही निर्णय लेने का निर्देश दिया है. हाई कोर्ट का यह भी निर्देश है कि नियमितीकरण के आवेदन पर बीएमसी का फैसला नारायण राणे के खिलाफ जाता है तो बंगले के खिलाफ तीन हफ्ते तक कोई कार्रवाई नहीं की जाए. नारायण राणे के स्वामित्व वाली कंपनी ने बंगले के कथित अवैध नवीनीकरण को नियमित करने की मांग की थी.
15 दिनों के अंदर 'अनधिकृत' निर्माण को हटाने का था निर्देश
बीएमसी के अधिकारी ने कहा कि नोटिस के अनुसार बीजेपी नेता के स्वामित्व वाले बंगले 'आदिश' के मालिक/अधिकारियों को नोटिस जारी होने की तारीख से 15 दिनों के भीतर उपरोक्त 'अनधिकृत' निर्माण को हटाने का निर्देश दिया गया. नोटिस के अनुसार, यदि अवैध निर्माण को निर्धारित समय के भीतर नहीं हटाया गया, तो नगर निकाय उसे ध्वस्त कर देगा और बीएमसी का मूल्यांकन विभाग उनसे इस कार्रवाई पर आया खर्च वसूल करेगा.
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