हिंदी के बाद अब तमिल में मेडिकल की पढ़ाई कराने की मांग, केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने किया समर्थन
Nirmala Sitharaman: हिंदी के बाद अब मेडिकल की पढ़ाई तमिल भाषा में हो, ऐसी मांग उठी है. ये बात कही है वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने. उनका मानना है कि इससे छात्रों को पढ़ाई में सुविधा होगी.
Nirmala Sitharaman: मेडिकल की पढ़ाई हिंदी में शुरू होने के बाद अब इसे तमिल में भी पढ़ाए जाने की मांग उठी है और ये मांग खुद केंद्रीय मंंत्री निर्मला सीतारमण ने रखी है. चेन्नई में केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि निश्चित रूप से चिकित्सा शिक्षा (Medical Education) को मजबूत करने की जरूरत है. अब हमें चिकित्सा शिक्षा को बेहतर ढ़ंग से पढ़ाने की आवश्यकता है और मुझे लगता है कि तमिलनाडु में अगर तमिल में मेडिकल की पढ़ाई हो तो इसे बहुत हद तक हासिल किया जा सकता है और मेडिकल की पढ़ाई को और आसान बनाया जा सकता है.
सीतारमण ने शनिवार को तमिलनाडु में डॉ. एमजीआर मेडिकल यूनिवर्सिटी के 35वें वार्षिक दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि देश आज कोरोना वायरस का सामना करने के लिए 'बेहतर स्थिति' में है जो चीन, जापान और कोरिया जैसे देशों में नहीं देखा जा रहा है. हमारा देश कोरोना का सामना करने के लिए तैयार है क्योंकि यहां बेहतर मेडिकल की शिक्षा के साधन हैं.
मैं अंग्रेजी के खिलाफ नहीं हूं, लोग अपनी भाषा से प्यार करते हैं
केंद्रीय मेंत्री ने कहा, "मैं इसे यहां तमिलनाडु में स्वास्थ्य मंत्री (मा सुब्रमण्यन) के सामने कह रही हूं कि निश्चित रूप से चिकित्सा शिक्षा को मजबूत करने की आवश्यकता है और मुझे लगता है कि बेहतर मेडिकल की पढ़ाई से इसे बहुत हद तक हासिल किया जा सकता है. इसके लिए मेडिकल की शिक्षा तमिलनाडु में तमिल (भाषा) में दी जा सकती है." उन्होंने कहा कि "लोग अपनी भाषा से प्यार करते हैं और अगर शिक्षा तमिल भाषा में उपलब्ध होगी, तो यह हमारे लिए बेहतर है, इससे यहां रिसर्च के काम की आगे बढ़ाने की संभावनाएं हैं,"
वित्त मंत्री ने और क्या कहा?
वित्त मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि वह अंग्रेजी भाषा के खिलाफ नहीं हैं. उन्होंने कहा, "मैंने यहां (तमिलनाडु में) अध्ययन किया है और मैं कह सकती हूं कि हम सभी के लिए तमिल में अध्ययन करना बेहतर होगा क्योंकि यहां प्रगति का अवसर है. उन्होंने कहा, "मुझे उम्मीद नहीं है कि तमिलनाडु से किसी तरह का विरोध होगा क्योंकि मैं इसे तमिलनाडु में और चिकित्सा शिक्षा मंत्री की उपस्थिति में कह रही हूं."
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