नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को MSME के लिए तीन लाख करोड़ रुपये के लोन का एलान किया. इस पर एबीपी न्यूज़ से खास बातचीत करते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि ये राशि 45 लाख MSME को मिलेंगे. इसके लिए कोई गारंटी नहीं देनी पड़ेगी. इसका कोई शुल्क या फीस नहीं होगा. अभी एमएसएमई एक तरह से आईसीयू में थी लेकिन इस पैकेज के आने से इसकी हालत ठीक होगी. पीएम नरेंद्र मोदी ने 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज का बहुत अहम फैसला लिया है. ये एतिहासिक है.
नितिन गडकरी ने कहा, ‘’एमएसएमई के रेटिंग की व्यवस्था करेंगे. ये इसे सपोर्ट करता रहेगा. ये फैसला एमएसएमई की ग्रोथ को दोगुने से तीन गुना बढ़ाएगा. एमएसएमई का देश की जीडीपी के ग्रोथ में 29 फीसदी योगदान है. हमारे देश का जितना एक्सपोर्ट होता है उसमें 48 फीसदी एमएसएमई का योगदान होता है. अभी तक 11 करोड़ नौकरियां एमएसएमई ने खड़े किए हैं. हम लोग 29 फीसदी को 50 फीसदी तक ले जाना चाहते हैं. वहीं एक्सपोर्ट को 60 फीसदी तक ले जाना चाहते हैं और पांच साल में पांच करोड़ नए जॉब पैदा करना चाहते हैं.’’
विस्तार से अपनी बात रखते हुए केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा, ‘’ग्रामीण और वनवासिक क्षेत्र के जो उद्योग हैं उसे हम विलेज इंडस्ट्री कहते हैं. इसका टर्न ओवर 88000 करोड़ रुपये है. हम लोग अब रूरल, एग्रीकल्चर और ट्राइबल 115 आकांक्षी जिलों में जाना चाहते हैं और इसको मैं दो साल के अंदर पांच लाख करोड़ की विलेज इंडस्ट्री बनाना चाहता हूं. अगर ये हो जाएगा तो हिंदुस्तान के गांव सुखी, समृद्ध और संपन्न होंगे और जो देहात में इंडस्ट्री खोलेगा उसकी पॉलिसी एग्रो एमएसएमई करके हम अलग से तैयार कर रहे हैं.’’
चीन को लेकर उन्होंने कहा, ‘’चीन के बारे में जापान के प्रधानमंत्री ने कहा है कि जापान के लोगों की जो भी इंडस्ट्री और निवेश चीन के अंदर है वो अगर चीन के बाहर निकला चाहते हैं तो बड़ा पैकेज मिलेगा. सभी वेस्टर्न देशों का रिएक्शन चीन के प्रति ठीक नहीं है. तो क्यों न हम ये कैपिटल इनवेस्टमेंट हमारे एमएसएमई में लाएं. तकनीक को अपग्रेड करें, अपना एक्सपोर्ट को बढ़ाएं और इंपोर्ट को कम करें. रोजगार निर्माण करें और उससे गरीबी को दूर करें...यही हमारा लक्ष्य है. इसी पर हमको काम करना होगा.’’
वहीं इस पैकेज पर विपक्ष के हमले पर उन्होंने कहा, ‘’जो सोया है उसको जगाया जा सकता है लेकिन जो सोने का ढ़ोंग कर रहा है उसे जगाया नहीं जा सकता. विपक्ष के लोग विरोध में बोलते ही हैं. मुझे लगता है कि कुछ पैकेज के एलान से पहले ही अपने रिएक्शन तैयार कर लेते हैं. इस वक्त देश संकट में है इसलिए राजनीति से ऊपर उठकर हम सबको कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़नी है और इकॉनोमी वॉर भी जीतनी है. हम सबको एक होना होगा.’’
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