अहमदाबादः केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने रविवार को कहा कि पाकिस्तान में बह रहीं 'अखंड भारत' की 6 में से 3 नदियों का भारत के हिस्से का पानी वहां जाने से रोकने को लेकर केंद्र सरकार काम कर रही है. उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर, पंजाब, राजस्थान, दिल्ली, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश को यह पानी मिलेगा.


पाकिस्तान जा रहा भारत का पानी


महाराष्ट्र के नागपुर से गुजरात भाजपा की जन संवाद डिजिटल रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भारत अहिंसा और शांति में विश्वास करता है. गडकरी ने कहा, "अखंड भारत में 6 नदियां (जोकि भारत और पाकिस्तान दोनों देशों से गुजरती हैं) थीं. बंटवारे के मुताबिक, तीन नदियों का पानी पाकिस्तान के लिए आरक्षित था जबकि बाकी तीन नदियों के पानी का इस्तेमाल भारत को करना था. हमारे हिस्से का पानी भी पाकिस्तान में बह रहा है." उन्होंने कहा कि अब केंद्र सरकार भारत के हिस्से का पानी पाकिस्तान में जाने से रोकने के लिए काम कर रही है.


भारत की सोच विस्तारवादी नहीं


इसके साथ ही गडकरी ने कहा कि पाकिस्तान या चीन की जमीन में भारत की कोई रुचि नहीं है लेकिन वह शांति और मित्रता चाहता है. गडकरी ने कहा कि भारत शांति और अहिंसा में विश्वास रखता है और वह विस्तारवादी बनकर मजबूत नहीं बनना चाहता.


केंद्रीय मंत्री ने कहा, "भारत ने भूटान और बांग्लादेश जैसे पड़ोसियों की जमीन कभी हथियाने की कोशिश नहीं की. भारत पाकिस्तान या चीन की जमीन नहीं चाहता. भारत शांति, मित्रता और प्रेम चाहता है. पड़ोसियों के साथ मिलकर काम करना चाहता है."


गडकरी का ये बयान ऐसे वक्त में आया है जब भारत 3 अपने 3 पड़ोसी देशों से अलग-अलग सीमा विवादों में उलझा हुआ है. पाकिस्तान की ओर से कई सालों से आतंकवाद का सहारा लिया जा रहा है, जबकि हाल ही में चीन के साथ लद्दाख में सीमा विवाद फिर शुरू हुआ. वहीं नेपाल ने भी चौंकाते हुए अपने नया नक्शा जारी किया, जिसमें भारत के हिस्से वाले 3 क्षेत्रों को अपने नक्शे में दिखाया है.


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