(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
यूपी में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का बयान, कोरोना की तीसरी लहर को ध्यान में रखकर करनी होगी तैयारी
केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि आने वाले समय में तीसरी लहर और चौथी लहर का संकट है. इसको ध्यान में रखकर काम करना आवश्यक है.
प्रयागराज: केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को ध्यान में रखकर तैयारी करनी है. राज्यों को ऑक्सीजन और अन्य चिकित्सा सुविधाओं के मामले में आत्मनिर्भर बनना है. उन्होंने उप मुख्यमंत्री केशव मौर्य और मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह से अनुरोध किया कि वे प्रदेश के हर जिले को आत्मनिर्भर बनाने के लिए 50 से अधिक बिस्तरों वाले अस्पतालों में हवा से ऑक्सीजन बनाने का संयंत्र लगाना अनिवार्य करें.
नितिन गडकरी ने बुधवार को प्रयागराज के नैनी स्थित सरस्वती हाईटेक सिटी में प्रभाव्य इंडस्ट्रीज के ऑक्सीजन प्लांट के शिलान्यास कार्यक्रम को दिल्ली से ऑनलाइन संबोधित कर रहे थे. इस दौरान मंत्री ने कहा कि आने वाले समय में तीसरी लहर और चौथी लहर का संकट है. इसको ध्यान में रखकर काम करना आवश्यक है. इसके साथ ही हर जिले में ऑक्सीजन सिलेंडर बैंक की स्थिति देखना जरूरी है. आवश्यकता पड़े तो राज्य सरकार द्वारा हर जिले की चिकित्सा व्यवस्था में 4,000-5,000 सिलेंडर शामिल किया जाए.
रेड फंगस और ब्लैक फंगस के सस्ते इंजेक्शन
मंत्री ने कहा, "रेड फंगस और ब्लैक फंगस के लिए भी हमने इंजेक्शन बनाया है और आज ही पुणे में 10,000 इंजेक्शन दिए जा रहे हैं. ये इंजेक्शन हम सरकार के माध्यम से उत्तर प्रदेश को भी दे सकते हैं. इसे हमने 1250 रुपये में बनाया है. सामान्य तौर पर कंपनियां यहां 4.50 लाख रुपये से 6.50 लाख रुपये में एक वेंटिलेटर उपलब्ध कराती है. वहीं, विशाखापत्तन की एमएसएमई ने 1.48 लाख रुपये में वेंटिलेटर विकसित किया और ऐसे 500 वेंटिलेटर निःशुल्क वितरित किए गए हैं. मांग आने पर उत्तर प्रदेश को ये वेंटिलेटर 1.48 लाख रुपये में उपलब्ध कराए जा सकते हैं."
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान कई तरह के संकट में प्रदेश सरकार ने काफी प्रयास किए. भविष्य में इस प्रकार का कोई संकट ना आए, इसके लिए सरकार तैयारी कर रही है. प्रदेश के खादी एवं ग्रामोद्योग मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि ऑक्सीजन की कमी को पूरा करने के लिए प्रदेश में विभिन्न आकार के 416 नए ऑक्सीजन प्लांट लगाए जा रहे हैं. इससे आने वाले चार पांच महीने में ऑक्सीजन उत्पादन की क्षमता दोगुनी हो जाएगी.
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