नई दिल्ली: देश में प्लास्टिक के खिलाफ मुहिम जारी है. इसे कामयाब बनाने के लिए मोदी सरकार प्लास्टिक का विकल्प लेकर आ रही है. सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम (एमएसएमई) मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को गाय के गोबर से बना साबुन और बांस की बनी पानी की बोतलें पेश की. इन उत्पादों को खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग ने तैयार किया है.


बांस की बोतल की कीमत 560 रुपये है. लेकिन, आने वाले दिनों में खादी स्टोर्स पर ये बोतल लगभग 350 रुपये में मिलने लगेगी. वहीं 125 ग्राम का साबुन का दाम 125 रुपये रखा गया है.


मंत्री ने मंगलवार को गांधी जयंती के मौके पर एक कार्यक्रम में कहा कि वह जैविक खेती और उसके लाभ के पुरजोर समर्थक है. सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की भी जिम्मेदारी संभाल रहे गडकरी ने बेहतर प्रदर्शन करने वाली निर्यात इकाइयों से नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध होने को कहा. उन्होंने कहा कि मंत्रालय ने एक योजना का प्रस्ताव किया है जिसके तहत इस प्रकार की एमएसएमई इकाइयों में 10 प्रतिशत इक्विटी भागीदारी केंद्र सरकार की होगी.



गडकरी ने कहा, ‘‘...हमने एक योजना तैयार की है और उसे वित्त मंत्रालय के पास भेजा है जहां 10 प्रतिशत इक्विटी का योगदान सरकार करेगी.’’ मंत्री ने कहा कि खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) को अगले दो साल में 10,000 करोड़ रुपये का कारोबार हासिल करना चाहिए और खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर रोजगार सृजित करने चाहिए.


गडकरी ने केवीआईसी द्वारा बेचे जाने वाले उत्पादों की ब्रांडिंग के महत्व और ग्राहकों के बीच जैविक वस्तुओं की स्वीकार्यता बढ़ने को रेखांकित किया. उन्होंने कहा, ‘‘हमें गुणवत्ता और बेहतर पैकेजिंग के साथ महात्मा गांधी के आर्थिक विचारों की भावना के समझौता किये बिना पेशेवर और पारदर्शी रुख की जरूरत है.’’