नई दिल्ली: दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर काम तेजी से चल रहा है. भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने 86 हजार करोड़ से ज्यादा की लागत वाले देश के इस सबसे लंबे एक्सप्रेसवे को 2023 तक बनाने का लक्ष्य तय किया है. एक्सप्रेसवे के बन जाने के बाद राष्ट्रीय राजधानी से आर्थिक राजधानी के बीच के सफर को आप कार से सिर्फ 12 से 13 घंटे में पूरा कर सकेंगे. अभी तक वाहन के जरिए दिल्ली से मुंबई जाने में 24 घंटे लगते हैं.


यह एक्सप्रेसवे दिल्ली के डीएनडी से मुंबई तक बन रहा है. इसकी नींव पिछले साल मार्च में नितिन गडकरी के मंत्रालय ने रखी थी, तब से निर्माण चल रहा है. दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के दो खंड हैं. पहला खंड दिल्ली-वडोदरा का 844 किमी है और दूसरा खंड वडोदरा से मुंबई के बीच 447 किमी का है.


इस परियोजना की पहल करने वाले केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा, "देश के सबसे लंबे एक्सप्रेसवे के लिए रिकॉर्ड समय में 90 प्रतिशत जमीन अधिग्रहण का काम पूरा हो गया है. निर्माण तेज गति से चल रहा है. इस एक्सप्रेसवे के बनने से दिल्ली-मुंबई के बीच 130 किमी की दूरी कम हो जाएगी. 2023 तक तैयार हो जाने के बाद यह एक्सप्रेसवे आर्थिक तरक्की की रफ्तार भी तेज करेगा. हाईवे के बनने के बाद से ट्रकों का पांच से छह की जगह दस से 12 फेरा दिल्ली से मुंबई तक लगेगा."


गडकरी ने कहा, "एक्सप्रेसवे के शहरों के बाहर-बाहर से गुजरने के कारण जाम और प्रदूषण की समस्या से निजात मिलेगी. दो लाख से अधिक पेड़ भी एक्सप्रेसवे के किनारे लगाए जाएंगे. हम ग्रीन एक्सप्रेस वे कॉन्सेप्ट पर काम कर रहे हैं."


बता दें कि सफर तो आसान बनाने के लिए सरकार ने एक कवायद और भी की है. दिल्ली-मुम्बई और दिल्ली हावड़ा मार्गों पर ट्रेन की रफ्तार बढ़ाकर 160 किलोमीटर प्रति घंटा करने के रेलवे के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है जिससे यात्रा में क्रमश: साढ़े तीन और पांच घंटे कम लगेंगे और रातभर में गंतव्यों तक पहुंचा जा सकेगा.


दिल्ली मुम्बई मार्ग पर इस परियोजना पर लागत 6,806 करोड़ आएगी जबकि दूसरे मार्ग पर 6,685 करोड़ रूपये का खर्च आएगा. यह परियोजना 2022-23 तक पूरी होगी. यह मंत्रालय के 100 दिनों के एजेंडे का हिस्सा है.


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