J&K Terror Attacks: संसद में मॉनसून सत्र के दौरान केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बुधवार (24 जुलाई) को राज्यसभा में कहा कि जम्मू-कश्मीर में सक्रिय आतंकवादी या तो जेल जाएंगे या फिर जहन्नुम भेजे जाएंगे. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि मोदी सरकार आतंकवाद को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेगी. कांग्रेस के राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी की ओर से पूछे गए सवाल के लिखित जवाब में नित्यानंद राय ने यह बात कही.


कश्मीर सहित देश की सुरक्षा को सर्वोपरि बताते हुए मोदी सरकार के मंत्री नित्यानंद राय ने बुधवार (24 जुलाई) को कहा कि केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार की नीति आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करने की है. ऐसे में आतंकवादी या तो जेल में रहेंगे या जहन्नुम में जाएंगे. गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान यह भी बताया कि विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को अगस्त 2019 में हटाए जाने के बाद से जम्मू कश्मीर में भारतीय सेना ने 900 से अधिक आतंकियों को मार गिराया है.


पिछले कुछ दिनों में कश्मीर में मारे गए 28 आतंकी


इस दौरान केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने आतंकवाद को पूरी तरह समाप्त करने का संकल्प जताते हुए कहा कि पिछले कुछ दिनों में कश्मीर में 28 आतंकियों को मार गिराया गया है. उन्होंने बताया किया, ‘‘इन आतंकी हमलों में हमारे कुछ जवानों की भी जान गई है.


जम्मू-कश्मीर में है सुरक्षा की पूरी गारंटी


गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने पूरक प्रश्न के जवाब में बताया कि 2004 से 2014 के बीच आतंकी घटनाओं की संख्या 7217 थी. जबकि 2014 से 21 जुलाई 2024 तक ऐसी 2259 घटनाएं हुई हैं ‘‘जो नहीं होना चाहिए थीं. इस पर राजनीतिक नहीं करनी चाहिए.  राय ने बताया कि 2004 से 2014 तक आतंकी हमलों में जान गंवाने वाले सुरक्षा बलों और आम नागरिकों की संख्या 2829 थी. जो बीते 10 सालों में 67 प्रतिशत घट कर करीब 941 रह गई है. उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में लोग अब शांतिपूर्ण माहौल में रह रहे हैं और उन्हें सुरक्षा की पूरी गारंटी है.


घाटी में कश्मीरी पंडितों की वापसी के हो रहे प्रयास- राय


कश्मीरी पंडितों के बारे में पूछे गए एक पूरक प्रश्न के उत्तर में राय ने कहा कि कभी जम्मू कश्मीर में कश्मीरी पंडितों ने अत्याचार की वजह से घाटी से पलायन किया था. उन्होंने कहा कि वोट बैंक की राजनीति एवं साजिश कश्मीरी पंडितों के वहां से पलायन का मुख्य कारण था. राय ने बताया कि घाटी में कश्मीरी पंडितों की वापसी के लिए प्रयास किए जा रहे हैं.


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