नई दिल्ली: एक किताब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना मराठा शासक छत्रपति शिवाजी महाराज से करने पर राजनीतिक घमासान मचा है. महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ शिवसेना-एनसीपी और कांग्रेस ने बीजेपी को आड़े हाथों लिया है और राज्य में प्रदर्शन का एलान किया है. गठबंधन ने कहा कि ‘आज के शिवाजी : नरेंद्र मोदी’ किताब से मराठा योद्धा का अपमान हुआ है.


अब इस मुद्दे पर बीजेपी ने दावा किया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मराठा शासक छत्रपति शिवाजी महाराज से तुलना वाली किताब के लेखक ने अपनी किताब वापस ले ली है.


पार्टी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, ‘‘जय भगवान गोयल (लेखक) की किताब से बीजेपी का कोई लेना-देना नहीं है. उन्होंने निजी हैसियत से यह किताब लिखी है. उन्होंने भावनाएं आहत करने के लिए महाराष्ट्र और बाहर के लोगों से खेद भी प्रकट किया है. उन्होंने किताब वापस ले ली है. अब विवाद का अंत हो जाना चाहिए.’’


संजय राउत ने क्या कहा?
शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा, ''बीजेपी नेता ने ‘आज के शिवाजी: नरेंद्र मोदी’ किताब लिखी है, जो हमें अपमानजनक प्रतीत होती है. पार्टी को यह स्पष्ट करना चाहिए कि क्या वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शिवाजी महाराज की तरह महान मानती है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम प्रधानमंत्री मोदी का सम्मान करते हैं, लेकिन किसी की तुलना शिवाजी महाराज से करना स्वीकार्य नहीं है.'' उन्होंने साथ ही कहा कि मराठा योद्धा के वंशजों को यह स्पष्ट करना चाहिए कि उन्हें मोदी की तुलना छत्रपति शिवाजी महाराज से किया जाना पसंद है या नहीं.


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वहीं बीजेपी विधायक और शिवाजी के वंशज शिवेंद्रराजे भोसले ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ ‘‘चाटुकार’’ पार्टी की छवि खराब कर रहे हैं. सतारा से विधायक ने कहा, ‘‘मैं अपनी पार्टी से अनुरोध करता हूं कि वह ऐसे चाटुकारों पर लगाम लगाए जो अपने निजी हित के लिए किसी भी स्तर तक जाने को तैयार हैं. मैं शिवाजी महाराज और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच इस प्रकार की हर तुलना के पूरी तरह खिलाफ हूं.’’


एनसीपी के राज्य के मंत्रियों छगन भुजबल और जितेंद्र अव्हाड और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार शिंदे ने इस किताब को लेकर निराशा व्यक्त की.


बाला साहेब थोराट-
कांग्रेस के बाला साहेब थोराट ने कहा कि इसको लेकर मंगलवार को प्रदर्शन किया जाएगा. उन्होंने कहा, ''हमारा देश नोटबंदी, जीएसटी और अब सीएए और एनआरसी जैसी कई समस्याओं से गुजरा...और फिर वे मोदी की तुलना शिवाजी महाराज से कैसे कर सकते हैं. हम न केवल इस कार्य की निंदा करते हैं, बल्कि किताब पर बैन लगाने की मांग करते हैं. कल हम इसके खिलाफ एक विरोध प्रदर्शन करेंगे और लोग हमारे साथ जुड़ेंगे.''