Pralhad Joshi On Bilkis Bano Case: बिलकिस बानो मामले में दोषी 11 लोगों की रिहाई के गुजरात (Gujarat) सरकार के जवाब का केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी (Pralhad Joshi) ने बचाव किया. मंगलवार (18 अक्टूबर) को केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि, "मुझे इसमें कुछ भी गलत नहीं लगता क्योंकि यह कानून की एक प्रक्रिया है." केंद्रीय मंत्री ने एनडीटीवी को बताया कि जेल में काफी समय बिताने वाले दोषियों के लिए, रिहाई के लिए एक प्रावधान है. कानून के अनुसार, यह किया जाता है.


इन सभी आरोपियों को फिर से जेल भेजने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई गई है. सोमवार (17 अक्टूबर) को मामले की सुनवाई के दौरान गुजरात सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कैदियों की रिहाई के समर्थन में हलफनामा दिया था. गुजरात सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि दोषियों की 14 साल की सजा पूरी हो गई थी और उनका व्यवहार अच्छा पाया गया. केंद्र ने इसे मंजूरी दे दी थी. 


15 अगस्त के दिन हुई रिहाई


केंद्रीय गृह मंत्रालय ने गुजरात के अनुरोध करने के दो सप्ताह के भीतर दोषियों की रिहाई को मंजूरी दे दी थी. गुजरात ने 28 जून को केंद्र की मंजूरी मांगी थी और 11 जुलाई को मंजूरी मिल गई थी. देश भर में आक्रोश के बीच 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस पर दोषियों को रिहा किया गया था. गुजरात की जेल के बाहर माला और मिठाइयों से उनका स्वागत किया गया था. इन आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी.


सीबीआई ने जताई थी आपत्ति


केंद्र और गुजरात, दोनों ने इन लोगों को मुक्त करने के लिए सीबीआई और एक विशेष न्यायाधीश की कड़ी आपत्तियों को खारिज कर दिया. सीबीआई ने पिछले साल कहा था कि ये अपराध 'जघन्य और गंभीर' है और इसमें किसी तरह की नरमी नहीं बरती जानी चाहिए. एक विशेष न्यायाधीश ने कहा था कि महिला के साथ अपराध केवल इस आधार पर किया कि पीड़ित एक विशेष धर्म से हैं. इस मामले में नाबालिग बच्चों को भी नहीं बख्शा गया. 


मार्च 2002 का है मामला


गौरतलब है कि मार्च 2002 में गोधरा कांड के बाद हुए दंगों के दौरान भीड़ ने बिलकिस बानो (Bilkis Bano) के परिवार के सदस्यों पर हमला किया था. बिलकिस बानो के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया था. इस दौरान उनके परिवार के सात लोगों की हत्या की गई थी. बिलकिस बानो उस समय गर्भवती थी. उनकी तीन साल की बेटी की भी हत्या कर दी गई थी. 


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