RSS Advice: 'मणिपुर पर आरएसएस चीफ की चिंता उचित', मोहन भागवत की नसीहत पर बोले केंद्रीय मंत्री प्रतापराव जाधव
RSS Chief: राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने 10 जून को मणिपुर को लेकर चिंता जताई थी. उनका बयान ऐसे समय में सामने आया है, जब नरेंद्र मोदी ने तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली है.

RSS Chief: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भावगत की नसीहत पर केंद्रीय मंत्री प्रतापराव जाधव ने हामी भरी है. प्रतापराव जाधव ने मंगलवार (11 जून) को कहा कि मणिपुर पर संघ प्रमुख की चिंता उचित है कि वहां जल्दी शांति हो.
केंद्रीय मंत्री प्रतापराव जाधव ने कहा कि अहंकार न करने की सलाह भी बिलकुल ठीक है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि संघ प्रमुख हमारे मार्ग दर्शक हैं. इसी के साथ उन्होंने एक बड़ा चौंकाने वाला दावा किया.
'उद्धव ठाकरे के सांसद हमारे संपर्क में'
शिवसेना (शिंदे गुट) के नेता जाधव ने कहा कि उद्धव ठाकरे की पार्टी यानी शिवसेना (यूबीटी) के सांसद हमारे संपर्क में हैं. उन्होंने कहा कि जिस दिन उद्धव ठाकरे की पार्टी के 5 से 6 सांसद खुलकर आ गए, हम अपने साथ ले लेंगे.
मणिपुर को लेकर RSS चीफ ने जताई थी चिंता
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने 10 जून को मणिपुर को लेकर चिंता जताई थी. उनका बयान ऐसे समय में सामने आया है, जब नरेंद्र मोदी ने तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली है और मंत्रालय का भी बंटवारा हो चुका है.
ऐसे में उनकी ओर से दिए गए बयान की टाइमिंग ने सियासी हलचल तेज कर दी है. इसके अलावा, उन्होंने अपने बयान में जिन विषयों का चयन किया है, वो भी बड़े पैमाने पर लोगों का ध्यान आकर्षित कर रहे हैं.
मोहन भागवत ने क्या कहा था?
दरअसल, मोहन भागवत ने कहा, “चुनाव सहमति बनाने की प्रक्रिया है. सहचित्त संसद में किसी भी प्रश्न के दोनों पहलू सामने आए इसलिए ऐसी व्यवस्था है. चुनाव प्रचार में जिस प्रकार एक-दूसरे को लताड़ना, तकनीकी का दुरुपयोग, असत्य प्रसारित करना ठीक नहीं है.“
राजनीतिक जगत में मोहन भागवत के इस बयान को सत्तापक्ष के लिए नसीहत के रूप में प्रचारित किया जा रहा है. इसके अलावा, वो विपक्ष पर भी जोर देते हुए दिख रहे हैं. उन्होंने अपने पोस्ट में कहा कि 'विरोधी' की जगह 'प्रतिपक्ष' होना चाहिए. उनके बयान से यह साफ जाहिर होता है कि वो ऐसा कहकर विपक्ष का पक्ष ले रहे हैं.
इसके साथ ही उन्होंने मणिपुर हिंसा पर भी अपनी बात रखी. उन्होंने मणिपुर हिंसा पर कहा, “एक साल से मणिपुर शांति की राह देख रहा है. इससे पहले 10 साल शांत रहा. पुराना गन कल्चर समाप्त हो गया ऐसा लगा और अचानक जो कलह वहां पर उपजी या उपजाई गई, उसकी आग में अभी तक जल रहा है, त्राहि-त्राहि कर रहा है. इस पर कौन ध्यान देगा? प्राथमिकता देकर उसका विचार करना यह कर्तव्य है.“
(इनपुट आईएएनएस से भी)
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