Dalit Status OBC Categorisation: पसमांदा मुस्लिम और दलित ईसाई को अनुसूचित जाति का दर्जा देने का मामला लगातार सुर्खियों में बना हुआ है. केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्यमंत्री रामदास अठावले ने रविवार (8 जनवरी) को कहा कि केंद्र सरकार ओबीसी के वर्गीकरण के साथ मुस्लिम और ईसाईयों को दलितों का दर्जा देने पर कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद फैसला करेगी.
दरअसल, केंद्र सरकार ने एक कमेटी को 6 महीने के अंदर जांच कर पता लगाने को कहा है कि पसमांदा मुस्लिम और दलित ईसाईयों को अनुसूचित जाति का दर्जा दिया जा सकता है या नहीं. केंद्र सरकार ने पूर्व चीफ जस्टिस केजी बालकृष्णन की अध्यक्षता में इस आयोग का गठन किया है. ये आयोग उन लोगों को अनुसूचित जाति का दर्जा देने पर विचार करेगा, जो दलित थे लेकिन उन्होंने दूसरा धर्म अपना लिया.
80 फीसदी मुस्लिमों को मिल रहा ओबीसी के तहत आरक्षण- अठावले
केरल के कोच्चि में केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने कहा कि मुस्लिम समुदाय के 80 फीसदी से ज्यादा लोगों को ओबीसी के तहत आरक्षण मिल रहा है. उन्होंने कहा कि अब मंत्रालय ने बालकृष्णन आयोग बनाकर दलित ईसाईयों और मुस्लिमों पर स्टडी शुरू की है. उन्होंने कहा कि हमने आयोग को 6 महीने का समय दिया है, जिसकी रिपोर्ट के आधार पर फैसला होगा. उन्होंने ये भी कहा कि ओबीसी के वर्गीकरण के लिए रोहिणी आयोग का भी गठन किया गया है.
रिपोर्ट मिलने पर ओबीसी के वर्गीकरण पर सोचेंगे- केंद्रीय मंत्री
रामदास अठावले ने कहा कि हम ओबीसी समुदाय को 27 फीसदी आरक्षण दे रहे हैं और रोहिणी आयोग का गठन भी किया है. उन्होंने कहा कि ये आयोग ओबीसी के वर्गीकरण की पर काम कर रहा है और मंत्रालय इसकी रिपोर्ट आने पर वर्गीकरण के बारे में सोचेगी. उन्होंने कहा कि उसमें दो या तीन समूह हैं और उन पर स्टडी की जा रही है. बता दें कि 31 अगस्त 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से धार्मिक और भाषायी अल्पसंख्यकों (दलित ईसाईयों) को अनुसूचित जाति का दर्जा दिए जाने पर अपना मत रखने को कहा था.
सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई थी जनहित याचिका
नेशनल काउंसिल ऑफ दलित क्रिस्चियंस की ओर से सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई थी. जिसमें मांग की गई थी कि दलित ईसाईयों को भी अनुसूचित जाति का दर्जा दिए जाने को लेकर निर्देश दिए जाएं. 6 अक्टूबर 2022 को केंद्र सरकार ने इस मामले में पूर्व चीफ जस्टिस केजी बालकृष्णन की अध्यक्षता में एक आयोग बनाया था. जो संविधान के आर्टिकल 341 के तहत राष्ट्रपति के आदेशों में उल्लिखित धर्मों के अलावा दूसरे धर्म के लोगों को अनुसूचित जाति का दर्जा देने पर विचार करेगा.
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