रविशंकर प्रसाद बोले- Arogya Setu ऐप निजता की सुरक्षा के लिहाज से पूरी तरह से मजबूत
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की तरफ से लगाए गए आरोपों को खारिज कर दिया. उन्होंने बताया कि Arogya Setu ऐप पूरी तरह से सुरक्षित है. अरोग्य सेतु ऐप को 9 करोड़ लोगों ने डाउनलोड कर लिया है.
नई दिल्ली: आरोग्य सेतु ऐप के निजता में सेंध लगाने के विपक्ष के आरोपों को केंद्रीय सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने खारिज कर दिया है. उन्होंने कहा 'मोबाइल ऐप' निजता की सुरक्षा एवं डेटा सुरक्षा के संदर्भ में पूरी तरह से मजबूत और सुरक्षित है.
प्रसाद ने कहा, "यह भारत का प्रौद्योगिकीय आविष्कार है इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी, हमारे वैज्ञानिकों, एनआईसी (राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र), नीति आयोग और कुछ निजी(संस्थानों) का जो कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में मदद के लिए पूरी तरह से एक जिम्मेदार मंच है."
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बीते शनिवार को आरोप लगाया था कि 'आरोग्य सेतु' ऐप एक अत्याधुनिक निगरानी प्रणाली है, जिससे निजता एवं डेटा सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता पैदा हो रही हैं. उन्होंने कहा था, "प्रौद्योगिकी हमें सुरक्षित रहने में मदद कर सकती है, लेकिन (कोविड-19 के) इस डर का इस्तेमाल नागरिकों की सहमति के बगैर उन पर नजर रखने के लिए नहीं किया जाना चाहिए."
'ऐप पूरी तरह सुरक्षित'
प्रसाद ने राहुल के दावे का विरोध करते हुए कहा, "यह सुरक्षित है. डेटा इनक्रीप्टेड रूप में है. सर्वाधिक महत्वपूर्ण यह है कि यह जनहित में भारतीयों की सुरक्षा के लिए है क्योंकि यह आपको इस बारे में आगाह करता है कि आपके आसपास कहीं कोई कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति तो नहीं है." मंत्री ने कहा कि मोबाइल ऐप किसी व्यक्ति के संक्रमित होने की स्थिति में उसके संपर्क में आए लोगों का पता लगाने में भी मदद करता है.
उन्होंने इस बारे में विस्तार से कहा, "यह प्रौद्योगिकी का एक बहुत ही मजबूत आविष्कार है और कई अन्य देश कोविड-19 से लड़ने के लिये इसी तरह के ऐप का इस्तेमाल कर रहे हैं. दूसरी सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि डेटा सीमित (अवधि के लिए) है. नियमित डेटा 30 दिनों के लिये रहेंगे और यदि आप संक्रमित होते हैं तो यह 45 से 60 दिनों के लिे रहेगा."
'इतना हंगामा क्यों'
प्रसाद ने कहा कि इस ऐप को मोबाइल फोन से हटाने का विकल्प हमेशा ही उपलब्ध है. उन्होंने कहा, "तो फिर यह हंगामा क्यों है. देश इसकी उपयोगिता समझ चुका है और सहर्ष इसे स्वीकार किया है. आरोग्य सेतु ऐप स्मार्ट फोन के लिए है."
प्रसाद ने कहा, "फीचर फोन के लिए हमनें आरोग्य सेतु आईवीआरएस विकसित किया है. यह ऐप निजता की सुरक्षा और डेटा सुरक्षा के संदर्भ में पूरी तरह से मजबूत है." केंद्रीय गृह मंत्रालय के एक निर्देश के मुताबिक कार्यालय पहुंच रहे सभी सरकारी एवं निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के लिये इस ऐप को डाउनलोड करना अनिवार्य है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस ऐप को लोगों से डाउनलोड करने का अनुरोध करते हुए कहा है कि कोरोना वायरस से लड़ने के लिए यह प्राद्योगिकी का एक उत्कृष्ट उपयोग है. इस बीच, सरकार ने बुधवार को कहा कि आरोग्य सेतु ऐप में कोई डेटा या सुरक्षा उल्लंघन का मामला नहीं पाया गया है. इससे पहले एथिकल हैकर ने ऐप में संभावित सुरक्षा मुद्दे को लेकर चिंता जताई थी.
यह सरकारी मोबाइल ऐप है जो कोविड-19 से संक्रमित व्यक्ति का पता लगाएगा और उसके बारे में इस ऐप का इस्तेमाल कर रहे शख्स को जानकारी देगा, ताकि वायरस को फैलने से रोका जा सके.
फ्रांस के हैकर ने किया दावा
बता दें कि फ्रांस के एक हैकर और साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ एल्लोट एल्ड्रसन ने मंगलवार को दावा किया था कि ऐप में सुरक्षा से जुड़ा एक मुद्दा पाया गया है और नौ करोड़ भारतीयों की निजता को खतरा है. दावे को खारिज करते हुए, सरकार ने कहा कि इस एथिकल हैकर ने यह साबित नहीं किया है कि किसी उपयोगकर्ता की कोई भी निजी जानकारी खतरे में है.
सरकार ने ऐप के ट्वीटर हैंडल के जरिए कहा, "हम लगातार अपनी प्रणाली की जांच कर रहे हैं और उसका उन्नयन कर रहे हैं. टीम आरोग्य सेतु सबको आश्वस्त करती है कि कोई भी डेटा या सुरक्षा उल्लंघन मामला नहीं पाया गया है."
नौ करोड़ लोगों ने डाउनलोड किया ऐप
अरोग्य सेतु ऐप की बात करें तो देशभर में लगभग 9 करोड़ लोगों ने आरोग्य सेतू मोबाइल ऐप्लिकेशन डाउनलोड किया है. कोविड-19 महामारी से निपटने के प्रयास के तौर पर लाए गए इस ऐप का इस्तेमाल सरकारी और निजी क्षेत्र के सभी कर्मचारियों के लिए अनिवार्य कर दिया गया है.
जीओएम बैठक की अध्यक्षता करने वाले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा कि तकनीक का उपयोग महामारी रोकथाम की रणनीति के लिए अनिवार्य है और यह राज्यों को अधिक प्रभावी तरीके से इस घातक बीमारी से निपटने में मदद कर रहा है.
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