नई दिल्ली: केन्द्रीय श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने कहा है कि नोटबंदी के बाद रोजगार में कमी आने की सरकार को कोई जानकारी नहीं है. राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान नोटबंदी के बाद भारी संख्या में नौकरियां जाने और इस वजह से श्रमिकों के असंगठित क्षेत्र से संगठित क्षेत्र की ओर जाने के सवाल पर गंगवार ने कहा, नोटबंदी से रोजगार में कोई कमी आयी हो, ऐसी जानकारी हमारे पास नहीं है. हम यह जरूर कह सकते हैं कि इससे आर्थिक विकास दर में वृद्धि हुयी है.
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के आंकड़ों के हवाले से प्रतिमाह आठ लाख रोजगार सृजित कर बेरोजगारी की समस्या के समाधान के सरकार के दावे से जुड़े पूरक प्रश्न के जवाब में गंगवार ने कहा कि पिछले दो सालों में ईपीएफओ और कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) में एक-एक करोड़ से अधिक कर्मचारी जुड़े हैं.
संगठित और असंगठित क्षेत्र के कर्मचारियों की वास्तविक संख्या का पता लगाने से जुड़े एक पूरक प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा कि मंत्रालय इस बारे में लेबर ब्यूरो के साथ सर्वेक्षण कर इस संख्या का पता लगाता था. लेकिन इससे वास्तविक आंकड़े एकत्र नहीं हो पाने के कारण सांख्यकीय मंत्रालय के साथ मिलकर इससे जुड़े आंकड़े एकत्र करने की नयी व्यवस्था करने की तैयारी है.
केन्द्रीय मंत्री ने बताया कि ‘रियल टाइम’ आधार पर तैयार की जा रही सर्वेक्षण रिपोर्ट नियमित रूप से प्रकाशित की जायेगी. उम्मीद है कि इसकी पहली रिपोर्ट आगामी अक्टूबर-नवंबर में आ जायेगी.