नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत बीजेपी के तमाम नेता दलितों को साधने की कवायद में लगे हुए हैं. यूपी में मंत्री, सांसद, विधायक अंबेडकर गांवों में जा रहे हैं और दलित घरों में खाना खाने के बाद चौपाल लगा कर समस्याएं सुन रहे हैं. केंद्र के नेता भी दलितों को जोड़ने की कोशिशें करते दिख रहे हैं. हालांकि कई बातों और चीजों पर विवाद भी हो रहा है जिनसे जुड़ी खबरें लगातार सामने आ रही हैं.
अब बीजेपी की नेता और केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने इस मामले पर एक बयान दिया है. उन्होंने कहा है,"हम भगवान राम नहीं कि दलितों के साथ भजन करेंगे तो वो धन्य हो जाएंगे. जब दलित हमारे घर आकर, साथ बैठ कर भोजन करेंगे तब हम पवित्र हो जाएंगे. दलित को जब मैं अपने घर में अपने हाथों से खाना परोसूंगी तब मेरा घर धन्य हो जाएगा."
झांसी में उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री राजेंद्र प्रताप ने कहा था कि जैसे भगवान राम ने बेर खाकर शबरी को धन्य किया था वैसे ही बीजेपी के नेता दलितों के घर जाकर उन्हें धन्य करते हैं.
इसके पहले केशव मौर्य जहां रात रुकने के लिए पहुंचे थे वहां उनके लिए वीआईपी व्यवस्था की गई थी. हालांकि विवाद होने पर उन्होंने एसी हटवा दिया था. अमरोहा में जहां सीएम योगी पहुंचे थे, रातों रात उस गांव का नक्शा ही बदल दिया गया था.